Relationship Tips: शादी के बाद भी महसूस होती है नए पार्टनर की जरूरत! भारत में क्यों बढ़ रहा है ओपन मैरिज का चलन

Relationship Tips: शादी एक बहुत ही अहम और मजबूत रिश्ता है, जिसे समाज में जन्मों के बंधन के रूप में देखा जाता है। यह रिश्ता सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि उनके परिवारों और समाज का भी होता है। शादी के माध्यम से दो लोग न केवल अपनी खुशियाँ बल्कि दुख-सुख भी साझा करते हैं। इसमें एक-दूसरे के साथ समर्थन, समझदारी और विश्वास का होना जरूरी होता है।

आजकल शादी और रिलेशनशिप से जुड़े ट्रेंड

आजकल शादी और रिलेशनशिप से जुड़े ट्रेंड भी बदलते जा रहे हैं। जैसे-जैसे समाज में बदलाव हो रहे हैं, रिश्तों के प्रति सोच और समझ भी विकसित हो रही है। यह बदलाव न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामूहिक तौर पर भी देखा जा रहा है। रिश्ते और शादी के नए पहलुओं पर खुलकर बात हो रही है, जिससे लोग अपने जीवन साथी को बेहतर तरीके से समझने और अपनाने में सक्षम हो रहे हैं।

ओपन मैरिज एक ऐसा वैवाहिक कॉन्सेप्ट है जिसमें पति और पत्नी एक-दूसरे के साथ शारीरिक और भावनात्मक रूप से रिश्ते में रहते हुए, दूसरों के साथ भी शारीरिक या भावनात्मक संबंध बना सकते हैं। यह एक समझौते पर आधारित रिश्ता होता है, जिसमें दोनों पार्टनर्स अपनी स्वतंत्रता और व्यक्तिगत इच्छाओं को पूरा करने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह सब पारदर्शिता और आपसी सहमति के साथ होता है।

यह विचार विदेशों में लंबे समय से प्रचलित है और अब भारत में भी कुछ कपल्स के बीच इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। यह मुख्य रूप से उन लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है जो पारंपरिक वैवाहिक ढांचे से बाहर अपने रिश्ते को समझते हैं।

मोनिका शर्मा, एक सीनियर साइकोलॉजिस्ट, के अनुसार, ओपन मैरिज में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह केवल दो लोगों के बीच भरोसा और समझदारी पर आधारित होता है। इसमें सबसे जरूरी होता है कि दोनों पार्टनर्स अपने-अपने सीमाओं, इच्छाओं और उम्मीदों को स्पष्ट रूप से एक-दूसरे से साझा करें।

हालांकि, यह कांसेप्ट कुछ लोगों के लिए अच्छा

हालांकि, यह कांसेप्ट कुछ लोगों के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन इसके लिए मानसिक समझ और परिपक्वता की भी जरूरत होती है, क्योंकि इसमें ईर्ष्या, असुरक्षा और भावनात्मक जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। हर कपल के लिए यह तरीका उपयुक्त नहीं होता, इसलिए इसे अपनाने से पहले एक गहरी चर्चा और समझ होनी चाहिए।

भारत में, जहां पारंपरिक शादी और रिश्तों की संरचना मजबूत है, ओपन मैरिज एक नया और असामान्य विचार हो सकता है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि समाज में रिश्तों और विवाह को लेकर विचारधारा में बदलाव आ रहा है।

दूसरे व्यक्तियों के साथ भी रोमांटिक या शारीरिक

दूसरे व्यक्तियों के साथ भी रोमांटिक या शारीरिक रिश्ते बना सकता है, बशर्ते यह सब दोनों पार्टनर्स की सहमति और समझ के साथ हो। ओपन मैरिज का मुख्य उद्देश्य एक-दूसरे की स्वतंत्रता को मान्यता देना है, जबकि परंपरागत शादी में दोनों लोग एक-दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर रहते हैं।

इस तरह की शादी में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों पार्टनर्स के बीच विश्वास और संचार बहुत मजबूत होता है। यह समझ होना जरूरी है कि किसी तीसरे व्यक्ति के साथ संबंध बनाने का निर्णय दोनों की सहमति से होता है और इस पर कोई भी एकतरफा कदम नहीं उठाता।

ओपन मैरिज को लेकर कुछ लोग

ओपन मैरिज को लेकर कुछ लोग इसे रिश्ते की नई परिभाषा मानते हैं, जबकि कुछ इसके नैतिक पहलुओं पर सवाल उठाते हैं। यह एक अत्यंत व्यक्तिगत निर्णय है, और इसमें हर किसी की अलग-अलग सोच हो सकती है। जो लोग इसे अपनाते हैं, उनका मानना है कि इससे वे अपनी इच्छा और स्वतंत्रता को महसूस कर सकते हैं, जबकि रिश्ते में भी कोई कमी नहीं आती।

यह कॉन्सेप्ट कुछ लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह उतना ही चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पारंपरिक रिश्तों और मूल्यों को महत्व देते हैं।