Rajasthan Latest News: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की तरफ से चलाए जा रहे विग अप अभियान के तहत राज्य में अब तक करीब 8.38 लाख से अधिक लोगों ने खाद्य सुरक्षा सूची (food safety list) से अपना नाम हटवा लिया है. अब इन लोगों को फ्री राशन (free ration) की सुविधा नहीं मिल सकेगी. गरीबी रेखा से ऊपर का जीवन जी रहे लोगों के नाम हटवाने के बाद जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिल सकेगा. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने यह बड़ी जानकारी दी है.
अपात्र लोगों ने अपनी मर्जी से खाद्य सुरक्षा सूची से अपने नाम हटवाए हैं, जो बड़ा कदम माना जा रहा है. मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि गिव अप अभियान अभी 28 फरवरी तक जारी रहने वाला है. उन्होंने बताया कि लोगों ने खुद खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल सूक्ष्म लोगों ने गिव अप अभियान से जुड़कर अपना नाम हटवाने की अपील की है.
अपात्रों पर होगी कार्रवाई
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्वत: नाम नहीं हटवाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा से जुड़े अपात्र परिवारों को चिह्नित कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसलिए जुर्माना अब अन्य दंडात्मक कार्रवाई से बचाव के लिए अपात्र व्यक्ति अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवा लें. नहीं तो प्रशासनिक कार्रवाई से जूझना पड़ सकता है.
जानिए एक साल में कितने लोगों के नाम शामिल किए गए?
राजस्थान सरकार की तरफ से बीते एक साल की बात करें तो खाद्य सुरक्षा सूची में 13 लाख लोगों को शामिल किया गया है. इनमें 1.60 लाख से ज्यादा विश्य योग्यजन भी शामिल हैं. इस बीच मंत्री ने कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार विभाग लगातार खाद्य सुरक्षा से वंचित लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की ओर काम कर रहा है.
इसी क्रम में 26 जनवरी को सीएम द्वारा खाद्य सुरक्षा पोर्टल को शुरू करने का काम किया गया है. सुमित गोदारा ने कहा कि गत साल से खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए लंबित 9 लाख आवेदनों का जल्द ही निस्तारण करने का काम किया जा रहा है. जिससे पात्र लोग ही जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि अगले दिनों में जिलाधिकारी को भी विशेष अपील अधिकार सौंपे गए हैं.
मंत्री ने बताया कि अदिक लोगों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए ई-केवाईसी पूरा कराने का काम चल रहा है. अब तक 88 फीसदी से ज्यादा लोग अपनी ई-केवाईसी करवा चुके हैं. सरकार की तरफ से 10 वर्ष की आयु से कम के बच्चों को ई-केवाईसी कराने से बाहर रखा गया है.