Tax Saving Tips: मार्च 2025 खत्म होते ही नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा। ऐसे में अगर आपने इस वित्त वर्ष के लिए कोई टैक्स सेविंग तरीका नहीं चुना है, तो आपकी सैलरी में कटौती हो सकती है। बचे हुए दिनों में निवेश करके आप अभी भी अपनी सैलरी में कटौती से बच सकते हैं और अपनी पूरी सैलरी घर ले जा सकते हैं। यहां ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिनके तहत आप टैक्स बचा सकते हैं।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA):
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) कर्मचारियों को आवास खर्च कम करने के लिए दिया जाता है। यह पूरी तरह से टैक्स से मुक्त होता है। इसमें आपका किराया शामिल होता है। अगर सैलरी में HRA जुड़ता है, तो आप इसका सबूत इनकम टैक्स को देकर टैक्स में छूट पा सकते हैं।
लीव ट्रैवल अलाउंस:
यात्रा खर्च कम करने के लिए कंपनी लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) देती है। इस यात्रा में आपका परिवार भी शामिल होता है। इसे क्लेम करने के लिए यात्रा से जुड़े दस्तावेज देने होंगे। यह छूट चार साल के दौरान की गई दो यात्राओं के लिए ही होगी। साथ ही यह न्यूनतम दूरी के लिए ही दी जाती है।
फूड कूपन:
फूड वाउचर के तहत सालाना 26,400 रुपये तक की टैक्स छूट दी गई है। नियोक्ता अक्सर फूड वाउचर के जरिए भोजन देते हैं। आप 50 रुपये प्रतिदिन के भोजन पर सालाना 26,400 रुपये की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF):
EPF के तहत कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान टैक्स छूट के दायरे में आता है। साथ ही, इस पर मिलने वाले ब्याज को भी टैक्स छूट के दायरे में रखा जाता है। इसके तहत आप 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
मोबाइल बिल प्रतिपूर्ति:
कई नियोक्ता काम से संबंधित कॉल और इंटरनेट उपयोग के लिए मोबाइल बिल की प्रतिपूर्ति करते हैं, जो टैक्स-मुक्त है।
ईंधन प्रतिपूर्ति: कंपनियाँ कर्मचारियों के पेट्रोल या डीजल के खर्च को कवर करने के लिए प्रतिपूर्ति प्रदान करती हैं। इसके तहत भी टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।
शिक्षा भत्ता:
आप अपने बच्चों की शिक्षा पर होने वाले खर्चों को कवर करने के लिए शिक्षा भत्ता ले सकते हैं। आपके बच्चे की शिक्षा के खर्च के लिए प्रति बच्चा 100 रुपये प्रति माह की कटौती की अनुमति है। इसके अतिरिक्त, छात्रावास खर्च के लिए प्रति बच्चा 300 रुपये प्रति माह की अनुमति दी जाती है। यह पूरी तरह से कर-मुक्त है।