मिडिल क्लास की खाली हो रही जेब, गरीबों की जेब पर ऐसे पड़ रहा असर

नई दिल्ली: भारत दुनिया से जाने वाली अर्थव्यवस्था (Inflation) वाले देशों में शामिल है। यह लगभग 1.4 लोग मौजूद होते हैं, लेकिन आपको जानकर लगेगा कि इस देश में 100 लोग ऐसी स्थिति में हो रही है तो उनके पास जरूरी खर्चों के साथ कुछ भी खरीदने को लेकर पैसा नहीं बचाता है।

जानकारी के मुताबिक भारत में जरूरी खर्चों से अधिक खर्च करने वाला उपभोक्ता वर्ग सिर्फ 13 से 14 करोड़ लोगों तक ही सीमित हो गई है। वहीं इसकी संख्या उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या से काफी कम हो गई है।

इसके अलावा करीब 30 करोड़ लोग ऐसे भी मौजूद हैं जो धीरे धीरे खर्च करना सीखना होगा। लेकिन उनकी जेब को लेकर अभी भी पैसा नहीं बचता है कि वह खर्च करें। डिजिटल पेमेंट ने खरीदारी को काफी हद तक आसान किया है। लेकिन इन लोगों की खर्च करने की आदतों के चलते अब हिचकिचाहट रहती है।

अमीरी में हो रहा इजाफा

जानकारी में खुलासा हुआ है कि अमीरी की संख्या उतनी तेजी नहीं बढ़ती है जितनी तेजी से पहले से अमीरों की दौलत में बढ़ोतरी हुई है। ये जो लोग पहले से ही अमीर हैं जो ज्यादा अमीर होने वाले हैं। नई अमीरों की संख्या में कोई बढ़त नहीं हुई है। अब इसका प्रभाव सीधा बाजार पर पड़ना शुरू हो जाता है। कंपनियां द्वारा अब सस्ते प्रोडक्ट नहीं बल्कि महंगे प्रोडक्ट पर जोर दिया जा रहा है।

अमीर और गरीब में बढ़ रहा अंतर

जानकारी के मुताबिक कोविड होने के बाद से भारत की अर्थव्यव्यवस्था की रिकवरी हो रही है। वहीं अमीरों के लिए सही दिन आ गए हैं लेकिन गरीबों की हालत और खराब हो रही है। भारत के 10 फीसदी लोग तो राष्ट्रीय आय के मालिक हुआ करते थे।

देश में सबसे गरीब लोगों की आमदनी 22.2 फीसदी से कम होकर 15 फीसदी हो चुकी है। अमीरों के लिए दुनिया और चमकदार हो गई है। दूसरी तरफ गरीबों के लिए चीजें पहले से ज्यादा आसान हुई है।