Rajasthan Transfer List: कई बार अधिकारी को खुद समझ नहीं आता है कि उसे नौकरी कहां करनी है. आज किसी जिले में हैं पता नहीं दो चार दिन बाद कहां की जिम्मेदारी मिल जाएगी. इसके लिए कर्मचारी संगठन सिर्फ तबादला नीति को जिम्मेदार मानते हैं. इसकी वजह कि किसे कहां का पदभार सौंपा जाएगा, यह सब सरकार के इशारे पर होता है.
विधायक और मंत्री अपनी मर्जी से किसी भी अधिकारी का तबादला करा देते हैं और जिम्मेदारी भी दिलवा देते हैं. ऐसे सिस्टम से अब कर्मचारी भी परेशान होने लगे हैं. राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों ने तबादला आदेश में लिखी टिप्पणियां सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. वायरल हो रहे एक आदेश में लिखा है, ऋचा शर्मा को हटाना है तो दूसरे में लिखा है कि इंद्रावती को झुंझनू जिले से बाहर दूर स्थान पर भेजना होगा.
ऐसी चिट्टी पढ़कर समझकर नहीं आ रहा कि कौन सी जगह पदस्थापन को सही माना जाएगा. ऐसी समस्या से निपटने के लिए कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि तबादलों के लिए एक नीति होनी जरूरी है. मौजूदा समय में कर्मचारी विधायकों के इशारों पर ट्रांसफर से परेशान होते दिख रहे हैं.
मामला-1
राजस्थान में विधायकों के इशारों पर ट्रांसरफर नीति से कर्मचारी संगठन काफी परेशानी में दिख रहे हैं. अभी पेंशनर्स कल्याण विभाग में सहायक लेखाधिकारी द्वितीय के पद पर तैनात रहीं ऋचा शर्मा का टाउन प्लानिंग विभाग, जयपुर से ट्र्रांसफर कर दिया. एक एक और लिस्ट में ऋचा के नवीन पदस्थापन स्थल की जगह हटाना है, लिखा है। यानी कि ऋचा को कहां लगाया है, यह समझ अभी तक नहीं आ रहा है.
मामला-2
इसके साथ ही राजस्थान के महाराणा भूपाल जिला चिकित्सालय उदयपुर में तैनात नर्सिंग ऑफिसर शारदा पारगी को हटाकर सीएचसी आनंदपुरी बांसवाड़ा और पीएचसी नाहरपुरा, बांसवाड़ा भेज दिया गया. तीसरी लिस्ट में भी उनका तबादला के लिए नाम दिया गया है. हालांकि उसके तीसरे पदस्थापन स्थल का स्थाना बांसवाड़ा लिखा गया है।
मामला-3
तीसरा मामला इंद्रपुरा (उदयपुरवाटी) झुंझुनूं में एएनएम के पद पर कार्यरत इंद्रावती कुल्हरी का तबादले का है. इसमें एएनएम इंद्रावती के नवीन पदस्थापन स्थान पर झुंझुनूं जिले से बाहर दूर स्थान पर…लगाने की बात लिखी गई है. ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं. लिस्ट में अभी और भी ऐसे कई मामले हैं.