नई दिल्ली: लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए आयकर बिल को पेश किया गया। सरकार ने दावा किया है कि मौजूद इनकम टैक्स एक्ट 1961 को आसान बनाने के बाद आयकर कानून को आम लोगों के लिए समझने के लायक बना देगा। इसमें आपके मुकदमे की संख्या में कमी होगी। जानकारी के मुताबिक नया इनकम टैक्स बिल इनकम टैक्स 1961 से आकार में काफी ज्यादा छोटा लगता है। इसमें धाराएं और शेड्यूल दिया गया है। 623 पत्रों के नए बिल में आपको 23 चैप्टर में 536 धाराएं मौजूद हैं।
तीन लाख शब्दों को किया कम
आयकर कानून को आसान बनाने को लेकर नया कानून बनाने की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के भाषण में कर दिया था। यह विधेयक पारित होने के साथ ही नया वाला आयकर कानून अधिक व्यवस्थित होने के बाद लागू किया जाना है। नए इनकम टैक्स का टारगेट कानून को पूरी तरह से आसान बनाने का रखा है। इस नए बिल में आपके करीब 3 लाख शब्दों को कम कर दिया है। इसकी मदद से बेहतर अनुपालन के अलावा टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाने में सहायता मिलती है।
आसान भाषा में उपलब्ध है ये कानून
पूरे कानून में इस्तेमाल हुए शब्दों को पूरी तरह से सरल बनाया गया है। ‘इरिस्पेक्टिव ऑफ एनीथिंग’ में बदल दिया गया है। इससे आम लोगों को कानून समझने और पढ़ने मे काफी मदद मिलेगी। नए कानून के तहत कई सारे नियमों को आसान किया गया है। इससे मुकदमेबाजी को कम किया जा सकता है, जिससे टैक्स विवाद को जल्द ही सुलझाया जाएगा।
क्या है नया आयकर विधेयक
नया इनकम टैक्स बिल 1 अप्रैल 2026 को लागून होने वाला है। वहीं मौजूदा टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रस्तावित बदलाव और संशोधनों को लेकर कंसेप्ट को शामिल किया गया है। जो पूरी तरह से फाइनेनशियल ईयर या अन्य ईयर की जगह आसानी से लेता है।
नए बिल में 1961 को बदलने का किया जा रहा प्रयास
नए बिल में 1961 एक्ट को बदलने का प्रयास किया गया है। वहीं पुराने बिल को लेकर आलोचना काफी अधिक हुई थी। इनकम टैक्स एक्ट पूरी तरह से 1961 में अधिनियमित किया जा चुका है।