Jaya Ekadashi 2025: पूरे साल भर कि बात करें तो कुल मिलाकर के 24 एकादशी आती हैँ। खास बात ये भी है कि प्रत्येक एकादशी का अपना खास महत्व है। वहीं, माघ महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सबसे ज्यादा अहम और विशेष दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति जया एकादशी का व्रत रखता है उसकी हर प्रकार कि बड़ी से बड़ी भूल चूक माफ़ कर दी जाती है, साथ ही मोक्ष कि भी प्राप्ति होती है। वहीं, भूत – प्रेत जैसी अगर कोई बधाएँ हैँ, तो उनसे भी मुक्ति मिलती है।
ऐसे में आज हम डिटेल में इस व्रत के बारे में सब कुछ बताते हैँ:
जया एकादशी कि ये है तिथि
सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार, जया एकादशी कि शुरुआत कल यानि कि 7 फरवरी को रात्रि के 09 बज कर 26 मिनट से हो जाएगी। वहीं, इसका समापन 8 फरवरी को रात्रि के 8 बजकर 14 मिनट पर होगा। क्योंकि उदया तिथि है जिस वजह से जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी के दिन रखा जाना है। पारण व्रत का 9 फरवरी के दिन किया जाएगा।
ये रहे जया एकादशी व्रत रखने के कुछ खास अहम नियम:
आमतौर में ये तो सभी को पता ही होगा कि जया एकादशी का व्रत दो तरीकों से रखा जाता है। एक तो फलाहारी या जलीय व्रत और दूसरा निर्जल व्रत। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जिस भी व्यक्ति का सेहत पूर्ण रूप से ठीक है केवल वही निर्जल व्रत रख सकता है। बाकी अगर कोई व्यक्ति बीमार है या व्रत रखने से उसकी तबियत खराब हो जाती है तो उसे फलाहारी या जलीय व्रत रख लेना चाहिए। जया एकादशी का व्रत भगवान श्री कृष्ण जी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।
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जान लें कि जया एकादशी व्रत के दिन क्या करें और क्या नहीं?
जया एकादशी व्रत के खास दिन पीपल के पेड़ को ज़ल देना और नीचे दिया जलाना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। वहीं, इस खास दिन जितने भी जरूरतमंद लोग होते हैँ उनकी मदद करना भी अच्छा माना जाता है। इस खास दिन कृष्ण जी कि पूजा नियम अनुसार जरूर करें।