नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली विधानसभा चुनाव (delhi assembly elections) में बीजेपी ने अपना 27 साल का सूखा खत्म करते हुए दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया. दिल्ली की जनता ने दिल से बीजेपी नेतृत्व और पीएम मोदी की गारंटी पर भरोसा करते हुए कमल पर मुहर लगाई. लेकिन नतीजे आने के चौथे दिन भी सीएम और डिप्टी सीएम के नाम पर सहमति नहीं बनी है.
अब चर्चा है कि बीजेपी बाकी राज्यों की तरह यहां भी दो डिप्टी सीएम बना सकती है. सीएम और डिप्टी सीएम की रेस में कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन अभी विधायक दल की बैठक होनी है. विधायक दल की बैठक में ही दोनों पदों के नाम तय किए जाएंगे. चर्चा है कि बीजेपी की तरफ से किसी महिला को डिप्टी सीएम की कमान सौंपी जा सकती है. हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है. यह केवल कयासबाजी चल रही है.
दिल्ली से जातीय समीकरण साधने की कोशिश करेगी बीजेपी
दिल्ली में सीएम और डिप्टी सीएम पद का चयन अभी तक नहीं होना, कई सवाल खड़े कर रहा है. माना जा रहा है कि दिल्ली में बड़े पदों पर बीजेपी ऐसे नेताओं को बैठा सकती है, जिसका भविष्य की राजनीति में उसे लाभ मिल सके. अभी तक जाट, पूर्वांचली, सिख, महिला और दलित दिल्ली की सत्ता के लिए कई अलग-अलग दावेदार हैं. कौन दिल्ली का सत्ताधीश होगा, यह तो अभी भविष्य का सवाल बना हुआ है.
क्या पूर्वांचली नेताओं पर दांव लगा सकती बीजेपी?
दिल्ली बीजेपी महिला मोर्च की प्रमुख रिचा पांडेय ने एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट कर कुछ इशारा जरूर दिया है. इस पोस्ट में पूर्वांचल का सूर्योदय लिखा हुआ है. तस्वीर में करावलनगर के विधायक कपिल मिश्रा और लक्ष्मीनगर से विधायक अभय वर्मा दिख रहे हैं. ये दोनों नेता पूर्वांचल से नाता रखते हैं. पोस्ट को देखकर चर्चा हो रही है कि क्या यह दोनों नेता तो शीर्ष कुर्सी के दावेदार नहीं?
रेस में किनके नाम चर्चा में
डिप्टी सीएम पद की रेस में कुछ महिलाओं के नाम भी चल रहे हैं. दिल्ली की शालीमार बाग सीट से विधायक बनीं रेखा गुप्ता का नाम सबसे आगे चल रहा है. ग्रेटर कैलाश से शिखा रॉय भी दावेदार मानी जा रही हैं. नजफगढ़ से नीलम पहलवान और वजीरपुर से पूनम शर्मा भी विधायक चुनी गई हैं.
इन चारों में से किसी एक के शीर्ष पद पर पहुंचने की चर्चा तेजी से चल रही है. महिला डिप्टी सीएम की दावेदारी की मजबूत वजह यह भी है कि इस बार दिल्ली में में 43 फीसदी महिलाओं ने बीजेपी को अपना वोट किया है. ऐसी स्थिति में बीजेपी आधी आबादी से किसी एक को शीर्ष पद पर बैठा सकती है.