नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को लेकर एक योजना शुरू हुई है। इस योजना को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का हिस्सा बनाया गया है। इसका अहम उद्देश्य बेटियों को आर्थिक तौर पर पूरी तरह से सशक्त करना है। अगर आपके घर में बेटी रहती हैं तो आपको ये योजना से शिक्षा और विवाह से संबंथित खर्चा के लिए सही विकल्प हो सकता है।
योजना में होती है ये विशेषताएं
-खाता खुलने की क्या होती है
बेटी की उम्र 10 साल से कम होना अहम है।
खाते में न्यून्तम आपको 250 रूपये और 1.5 लाख रूपये सालाना जमा कर पाएंगे।
इस योजना में देखा जाए तो योजनाओं की तुलना को लेकर काफी ब्याज मिलता है।
जमा राशि, मैच्योरिटी राशि और ब्याज पर आयकर की घारा 80 के तहत छूट मिलती है।
खाता बेटी के 21 साल की उम्र या फिर उसकी शादी के दौरान मैच्योर होने लगता है।
अगर बेटी की शिक्षा को लेकर फंड की जरूरत होने लगती है तो 18 साल की उम्र के बाद आप आंशिक निकासी आसानी से कर पाते हैं।
योजना का फायदा
ये योजना बेटी की सुरक्षा और विवाह जैसे अहम उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिलने लग जाती है।
यह योजना आपको पूरी तरह गारंटी के साथ मिलने लगती है, जिससे आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित होने लगता है ।
बैटियों के नाम को लेकर खाता खोलने के साथ उनको आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ प्रेरित करना जरूरी है।
खाता खुलने की ये होगी प्रक्रिया
आपको खाता खोलना है तो आप किसी भी डाकघर या फिर अधिकृत बैंक पर खाता आसानी के साथ खोल सकते हैं।
खाता खोलने को लेकर आप बेटी का जन्म, प्रमाणपत्र, पहचान पत्र और निवास प्रमाण चाहिए होता है।
सुकन्या समृद्धि योजना एक ऐसी अहम पहल होगी जो न केवल बेटियों का भविष्य सुरक्षित करेगी, उनके कल को लेकर परिवार को आर्थिक सहायता देने में मदद करेगी।