maha shivratri 2025: वर्षों पुराना शिव मंदिर, बढ़ता है शिवलिंग का आकार! जानिए इसके पीछे का रहस्य

महाराष्ट्र के ठाणे में स्थित श्री कौपिनेश्वर मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका इतिहास भी करीब 1100 साल पुराना है। 18वीं शताब्दी में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, जिससे इसकी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ गया। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें ठाणे का पारिवारिक देवता माना जाता है। यह स्थान राज्य भर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

कौपिनेश्वर मंदिर का शिवलिंग

कौपिनेश्वर मंदिर का शिवलिंग महाराष्ट्र के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक माना जाता है। इसका व्यास और ऊंचाई दोनों पांच फीट के बराबर है। किवदंतियों के अनुसार यह शिवलिंग हर साल थोड़ा-थोड़ा बढ़ता रहता है। यह भी माना जाता है कि जिस दिन यह शिवलिंग मंदिर की छत को छू जाएगा, उस दिन मंदिर नष्ट हो जाएगा। यही रहस्य और आस्था भक्तों की आस्था को और मजबूत करती है और उन्हें यहां खींच लाती है।

मंदिर की संरचना

मंदिर की संरचना और इसकी प्राचीन लाल छत की टाइलें इसे एक विशिष्ट पहचान देती हैं। इसके साथ ही लकड़ी की नक्काशी भी भक्तों का ध्यान खींचती है। यह मंदिर ठाणे स्टेशन रोड के वरदाली इलाके में स्थित है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों को दिव्य एवं शांत वातावरण का अनुभव होता है, जो उनके मन को शांति प्रदान करता है।

धूमधाम से मनाई जाती है शिवरात्रि

कौपिनेश्वर मंदिर में महाशिवरात्री, नवरात्रि, हनुमान जयंती, राम नवमी और दत्त जयंती जैसे प्रमुख त्योहार बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु भाग लेते हैं। खासकर महाशिवरात्रि के दिन यहां भारी भीड़ उमड़ती है और भक्त भगवान शिव के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं।