हफ्ते में 3 दिन काम, सरकार के मुफ्त के पैसों को लेने से किया मना, अंबानी-अडानी को पीछे छोड़ देंगे इस देश के लोग

दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक स्विट्जरलैंड के लोग इतनी ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं कि सुनकर ही मन में कई सवाल आने शुरू हो जाते हैं। आखिर ऐसा कैसे संभव हो सकता है? जी हां सही सुना आपने यहां के लोग मस्त मूड में रहते हैं और जिंदगी के हर पल का भरपूर आनंद लेने में यकीन रखते हैं। उनकी लाइफस्टाइल जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। स्विट्जरलैंड के लोगों को स्विस लोग कहा जाता है। ये लोग बहुत कम मेहनत करते हैं, फिर भी खूब कमाते हैं। स्विट्जरलैंड के लोग हफ्ते में सिर्फ 3 दिन काम करते हैं और ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं।

आलसी लोग

स्विस लोग इतने शांत और मस्तमौला होते हैं कि उन्हें पैसे की भी परवाह नहीं होती। यहां के लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे इतने आलसी होते हैं कि जमीन पर गिरे पैसे भी नहीं उठाते हैं। स्विट्जरलैंड में किंडरगार्टन से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी शिक्षा निःशुल्क है। इसमें स्वास्थ्य देखभाल भी शामिल है, इसलिए लोगों को न तो शिक्षा खर्चों की चिंता करनी होगी और न ही बीमारी की स्थिति में अस्पताल के बिलों की।

शिक्षा पर 4.7% खर्च

कुछ साल पहले तक स्विस लोगों को यहां बिना काम किए भी सरकार से हर महीने अच्छी खासी रकम मिल जाती थी। लेकिन लोगों ने इसका विरोध किया और कहा कि वे सरकारी मदद लेने से इंकार कर दिए. स्विट्ज़रलैंड अपने सकल घरेलू उत्पाद का 4.7% शिक्षा पर खर्च करता है, जिससे यह दुनिया की सबसे लचीली और विविध शिक्षा प्रणालियों में से एक बन जाता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस देश में सबसे ज्यादा पेटेंट हैं और अल्बर्ट आइंस्टीन समेत कई नोबेल पुरस्कार विजेता यहीं से हैं।

भविष्य के लिए नहीं करते बचत

स्विस लोग एक साथ बैठने, खाने-पीने, घूमने-फिरने और अपने शौक का आनंद लेने में सबसे आगे हैं। यहां के बुजुर्ग लोग भी जीवन का भरपूर आनंद लेते हैं। यहां के लोग भविष्य के लिए भी बचत नहीं करते, बल्कि वर्तमान का आनंद लेते हैं। स्विस बैंक पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं, लेकिन इसमें ज्यादातर पैसा विदेशियों का है, स्विट्जरलैंड के लोग पैसा बचाकर बैंक में रखने में विश्वास नहीं रखते हैं।