Akhilesh Yadav: BJP का खोल कर रख दिया चिट्ठा, विदेशी पैसों का खुला राज, दंग रह गए लोग!

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार (23 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने के मोदी सरकार के दावों पर सवाल उठाए। उन्होंने परोक्ष रूप से भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि क्या इनमें से एक इंजन ‘विदेशी’ है? उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक वीडियो शेयर कर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर सवाल उठाए।

21 मिलियन डॉलर दिए गए

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “जनता पूछ रही है कि भाजपा जो ट्रिलियन-ट्रिलियन डॉलर का गाना गा रही है, क्या उसमें अमेरिका से मिलने वाला ’21 मिलियन डॉलर’ भी शामिल है? वहीं सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने आगे लिखा, “जनता यह भी पूछ रही है कि डबल इंजन में एक इंजन ‘विदेशी’ तो नहीं है?” उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को 21 मिलियन डॉलर दिए गए हैं।

बयान में दावा किया था

दरअसल, दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर निशाना साध रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक बयान में दावा किया था कि अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए हैं।टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हालिया बयान में दावा किया था कि “भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को 21 मिलियन  डॉलर दिए गए हैं।

सरकारों पर सवाल उठाए

हम भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन दे रहे हैं, लेकिन हमारा क्या? अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा, “मैं भी अपने देश में मतदान बढ़ाना चाहता हूं।” राष्ट्रपति ट्रंप के इन दावों के बाद देश के राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। समाजवादी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों ने भाजपा नीत सरकारों पर सवाल उठाए हैं।

जांच कर रही

ट्रंप के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा की गई विशेष गतिविधियों और फंडिंग के खुलासे का हवाला देते हुए इस पर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए इसे ‘गंभीर चिंता’ का विषय बताया और कहा कि संबंधित विभाग और एजेंसियां इसके संभावित प्रभावों की जांच कर रही हैं।

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