अमित शाह लेगें बड़ा फैसला, जातियों के बीच चल रही हिंसा, बंदूकें और गोलाबारूद लूटे गए

नई दिल्ली: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज यानी शनिवार को पहली बैठक बुलाई है. यह समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय में होगी. अमित शाह मणिपुर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करेंगे. गृह मंत्री के साथ बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के अधिकारी, सेना के अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे.

दो जातियों के बीच हिंसा चल रही

मणिपुर में 13 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। पार्टी के कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। राज्य में पिछले 2 सालों से दो जातियों के बीच हिंसा चल रही है। 1951 से अब तक मणिपुर में 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली बार अमित शाह समीक्षा बैठक करने जा रहे हैं और इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद शीर्ष 4 अधिकारियों के साथ गृह मंत्री की नई दिल्ली में यह पहली बैठक होगी।

दिल्ली के लिए रवाना हो गए

बैठक की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, राज्यपाल अजय भल्ला, सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, डीजीपी राजीव सिंह और मुख्य सचिव पीके सिंह आज नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। बैठक दोपहर में होनी है। हम यह जानने का भी इंतजार कर रहे हैं कि बैठक का क्या नतीजा निकलता है और उसके बाद क्या फैसले लिए जाएंगे। हिंसा के दौरान पहाड़ी और घाटी दोनों जगहों पर भीड़ ने करीब 6500 बंदूकें और 600000 गोलाबारूद लूट लिए। इसके बाद यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब मणिपुर में सेना और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों समेत सभी बल लूटे गए हथियारों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं।

कार्रवाई नहीं की जाएगी

साथ ही केंद्रीय एजेंसियां कुकी और मैतेई दोनों समूहों के साथ मिलकर हथियार सरेंडर करने के लिए काम कर रही हैं। राज्यपाल भल्ला ने लोगों को हथियार वापस करने के लिए सात दिवसीय माफी योजना शुरू की थी। इसके तहत लोगों ने 650 हथियार और गोलाबारूद सरेंडर किया है। पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 6500 हथियारों में से सेना अब तक करीब 2500 ही बरामद कर पाई है। राज्यपाल भल्ला ने शुक्रवार को हथियार सरेंडर करने की समयसीमा छह मार्च तक बढ़ा दी और लोगों को आश्वासन दिया कि समयसीमा से पहले लूटे गए हथियार वापस करने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई

मणिपुर में 3 मई 2024 को जातीय संघर्ष शुरू होने के करीब 22 महीने बाद भी सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई है। पार्टी के कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद 13 फरवरी 2024 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। एन बीरेन सिंह के इस्तीफे से एक महीने पहले केंद्र ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को राज्यपाल नियुक्त किया था।

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