महाशिवरात्रि 2025: भोलेनाथ के भक्तों के लिए बड़ी खबर! क्या होगा पूजा का शुभ मुहूर्त, जानिए भद्रा का साया और कैसे करें पूजा?

नई दिल्लीः हर साल भगवान शिव के प्यारे भक्त महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार करते हैं, और इस बार भी वो घड़ी आ गई है! फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि इस साल 26 फरवरी को है. इस दिन, मंदिर और शिवालय ‘बम-बम भोले’ की आवाज़ों से गूंज उठते हैं, और भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा में खो जाते हैं.

असल में, चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को बहुत प्यारी है, और इस दिन उनका रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है. तो चलिए, हम आपको महाशिवरात्रि की महिमा और चार पहर की पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं, ताकि आप भी इस खास दिन का पूरा फायदा उठा सकें!

महाशिवरात्रि की महिमा: क्यों है ये दिन इतना खास?

महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक बहुत बड़ा त्योहार है. ये हमेशा चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसा मानते हैं कि इसी दिन भगवान शिव पहली बार प्रकट हुए थे! कुछ लोग ये भी मानते हैं कि शिव जी और माता पार्वती का विवाह भी इसी दिन हुआ था. इसलिए, इस दिन व्रत रखना, उपवास करना, मंत्रों का जाप करना और पूरी रात जागना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.

महाशिवरात्रि 2025: कब है शुभ तिथि?

फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू हो जाएगी. और ये तिथि 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर खत्म होगी. महाशिवरात्रि की पूजा हमेशा रात में होती है, इसलिए महादेव की पूजा 26 फरवरी की रात को की जाएगी.

भद्रा का साया: क्या इस बार पूजा में कोई रुकावट है?

ज्योतिष के जानकारों के हिसाब से, इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया रहेगा. लेकिन, अच्छी खबर ये है कि भद्रा इस बार पाताल लोक में है. ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि पाताल लोक की भद्रा का असर पृथ्वी पर नहीं होता. तो, आप बिना किसी चिंता के शुभ समय में महादेव की पूजा कर सकते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं.

जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त: कब चढ़ाएं शिव जी को जल?

महाशिवरात्रि पर पूरे दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए शुभ मुहूर्त हैं. 26 फरवरी को, आप इन समयों पर जल चढ़ा सकते हैं:

सुबह 06 बजकर 47 मिनट से 09 बजकर 42 मिनट तक
सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
दोपहर 03 बजकर 25 मिनट से शाम 06 बजकर 08 मिनट तक
और रात में, 08 बजकर 54 मिनट से रात 12 बजकर 01 बजे तक शिवलिंग का श्रृंगार किया जा सकता है.

चार पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त: किस पहर में करें पूजा?

महाशिवरात्रि की पूजा चार पहर में की जाती है, और हर पहर का अपना शुभ मुहूर्त होता है:

प्रथम प्रहर: 26 फरवरी, शाम 06 बजकर 19 मिनट से रात्रि 09 बजकर 26 मिनट तक
द्वितीय प्रहर: रात 09 बजकर 26 मिनट से 27 फरवरी, मध्य रात्रि 12 बजकर 34 मिनट तक
तृतीय प्रहर: 27 फरवरी, मध्य रात्रि 12 बजकर 34 मिनट से प्रातः 03 बजकर 41 मिनट तक
चतुर्थ प्रहर: 27 फरवरी, प्रातः 03 बजकर 41 मिनट से सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक
तो इस महाशिवरात्रि, भगवान शिव की भक्ति में डूब जाएं और उनकी कृपा पाएं!

लेख में दी गई तिथियां और समय 2025 के महाशिवरात्रि के अनुसार हैं. भद्रा के प्रभाव और ज्योतिषीय गणनाओं के बारे में दी गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. फिर भी, पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले स्थानीय पंडित या ज्योतिषी से सलाह लें.