मोदी सरकार देश के सभी नागरिकों के लिए नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रही है। इसे ‘यूनिवर्सल पेंशन स्कीम’ कहा जा रहा है. इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। सूत्रों के मुताबिक श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. इस योजना के तहत लाखों बुजुर्गों को लाभ मिलेगा।
EPFO की तहत लाने की तैयारी
यह योजना स्वैच्छिक होगी। इसलिए कोई भी इसमें योगदान कर सकता है और पेंशन प्राप्त कर सकता है। केंद्र सरकार इस स्कीम को EPFO के तहत लाने की योजना बना रही है. अभी इसके स्ट्रक्चर पर काम चल रहा है. जैसे ही यह काम पूरा हो जाएगा, मंत्रालय सभी संबंधित लोगों से बात करेगा. इस योजना को और भी बेहतर बनाने के दिशा में काम किया जायेगा।
सभी वर्गों को मिलेगा फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नई योजना में कुछ पुरानी योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा. इससे ये योजनाएं अधिक लोगों को आकर्षित करेंगी. साथ ही सभी वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. सरकार चाहती है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, व्यापारियों और स्वरोजगार करने वाले लोगों को भी इस योजना का लाभ मिले. 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस योजना में शामिल हो सकता है। उन्हें 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलेगी.
इस आधार पर पेंशन देने की तैयारी
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) और व्यापारियों और स्व-रोज़गारों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस-व्यापारियों) को इस नई योजना में विलय किया जा सकता है। ये दोनों योजनाएँ स्वैच्छिक हैं। इनमें 60 साल के बाद हर महीने ₹3,000 की पेंशन दी जाती है। इसके लिए आपको हर महीने ₹55 से ₹200 तक जमा करना होगा। यह राशि आपकी उम्र पर निर्भर करती है। आप जितना अधिक पैसा जमा करेंगे उतना ही अधिक पैसा सरकार भी इसमें निवेश करेगी।
2036 तक भारत में इतने बुजुर्ग
एक अनुमान के मुताबिक, 2036 तक भारत में 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 22.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी. यह देश की कुल आबादी का 15% होगा. 2050 तक यह संख्या 347 मिलियन यानी कुल जनसंख्या का 20% होने का अनुमान है। अमेरिका, यूरोप, कनाडा, रूस, चीन जैसे कई देशों में सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था है। इनमें पेंशन, स्वास्थ्य और बेरोजगारी बीमा जैसी सुविधाएं शामिल हैं।