Russia–Ukraine War: तीन साल से चल रहा जंग, थर-थर कांप रहे हैं लोग, देखें फोटो

1. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia–Ukraine War) अपने चौथे साल में प्रवेश कर चुका है। फरवरी 2022 में शुरू हुए इस युद्ध ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर कहर बरपाया है। कभी एक संघ का हिस्सा रहे ये दोनों देश आज एक-दूसरे पर कहर बरपा रहे हैं। रूसी हमलों ने पूर्वी यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

इतना ही नहीं यूक्रेन ने अपने छोटे हथियारों और रॉकेटों से रूस को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। तो आइए जानते हैं कि इस युद्ध ने दोनों देशों और दुनिया को कितना नुकसान पहुंचाया है।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

2. फरवरी 2022 में शुरू हुए इस युद्ध में कितने सैनिक मारे गए हैं, इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है, क्योंकि दोनों ही देश दुश्मनों के हताहत होने की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। लेकिन कई स्वतंत्र एजेंसियों ने इस युद्ध में मारे गए सैनिकों की संख्या लाखों में बताई है। सैनिकों के अलावा इस युद्ध में दोनों तरफ के हजारों नागरिकों की भी जान गई। रूस और यूक्रेन ही नहीं बल्कि अपने तानाशाह के आदेश पर रूस की तरफ से लड़ने आए उत्तर कोरियाई सैनिक भी युद्ध में मारे गए हैं।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

3. फरवरी 2022 में जब यह लड़ाई शुरू हुई थी, तब सभी एजेंसियों का मानना था कि यूक्रेन की सुरक्षा पंक्ति रूसी आक्रामकता के सामने ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगी। क्योंकि यूक्रेन की सैन्य क्षमता रूसी सेना के हथियारों और सैनिकों के प्रशिक्षण के सामने कुछ भी नहीं है। लेकिन अपने पश्चिमी देशों की मदद और उचित रणनीति के साथ यूक्रेन इस युद्ध को तीन साल तक खींचने में सफल रहा।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

4. 2014 में यूक्रेन पर हमला करके क्रीमिया पर कब्ज़ा करने के बाद से ही रूस कहता रहा है कि नाटो सैनिक उसकी सीमा में न आएं. लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन इस धमकी को हल्के में लेते रहे. यूक्रेन भी अपने पश्चिमी सहयोगियों की ताकत के सहारे रूस को चुनौती देता रहा.

आज स्थिति यह है कि युद्ध शुरू होने के बाद से रूस ने यूक्रेन के कई हज़ार किलोमीटर इलाके पर कब्ज़ा कर लिया है. उसने इनमें से कुछ जगहों को स्वतंत्र देशों के तौर पर मान्यता भी दे दी है. ऐसे में यूक्रेन के लिए यह ज़मीन वापस पाना मुश्किल हो सकता है. दूसरी ओर, यूक्रेन के पास रूस की भी कुछ ज़मीन है, लेकिन तुलनात्मक तौर पर यह बहुत कम है.

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

5. इस युद्ध के शुरू होते ही पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए। विदेशों में रखी रूसी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया। पश्चिमी देशों को उम्मीद थी कि इससे रूस की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, लेकिन रूस ने अपने पुराने मित्र देशों चीन और भारत पर भरोसा जताया। भारत और चीन ने रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि युद्ध का रूसी अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा।

दूसरी ओर, अगर यूक्रेन की बात करें तो रूसी हमलों से उसकी अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है। अमेरिका और पश्चिमी देशों की मदद से ही यूक्रेन इस युद्ध को इतने लंबे समय तक खींच पाया है। लेकिन तब भी उसे अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। अब जब ट्रंप सत्ता में आए हैं तो माना जा रहा है कि अमेरिका द्वारा दी गई मदद के बदले में वह यूक्रेन से उसके करीब 500 अरब डॉलर के खनिज संसाधनों पर अधिकार मांग रहे हैं.

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

6. रूसी हवाई हमलों में यूक्रेन का बुनियादी ढांचा काफी हद तक नष्ट हो गया है। ऊंची इमारतों के लिए मशहूर यूक्रेन के कई शहर रूसी हवाई हमलों में तबाह हो गए हैं। पूर्वी यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक शांति स्थापित होने के बाद इन सभी इमारतों को बहाल करने के लिए करीब 486 बिलियन डॉलर की जरूरत है। दूसरी तरफ यूक्रेनी ड्रोन से रूस को भी काफी नुकसान हुआ है। रूसी इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

7. रूस और यूक्रेन दुनिया की खाद्य आपूर्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण देश हैं। ऐसे में इन दोनों देशों के बीच लड़ाई ने वैश्विक खाद्य संकट भी पैदा कर दिया है। खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गईं। इससे दक्षिण अफ्रीका के देशों में भुखमरी की आशंका बढ़ गई। इस युद्ध की शुरुआत के साथ ही विश्व बैंक ने घोषणा की थी कि इन दोनों देशों के बीच युद्ध से वैश्विक व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। हुआ भी यही। युद्ध के शुरुआती दिनों में काला सागर से लेकर यूरोप के दूसरे स्थानों तक होने वाला वैश्विक व्यापार ठप हो गया था। लेकिन समय के साथ इसमें सुधार हुआ।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

8. इस युद्ध का यूक्रेन के सामाजिक ताने-बाने पर बहुत बुरा असर पड़ा है। युद्ध के कारण देश की एक बड़ी आबादी यूरोप के दूसरे देशों में पलायन कर गई है। युद्ध के कारण आम नागरिकों को भी हथियार उठाने पड़े हैं। बड़ी संख्या में युवाओं ने सीमा पर अपने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई है। पूर्वी यूक्रेन के बच्चों की पढ़ाई छूट गई है।

बड़ी संख्या में सैनिकों की जान जाने के कारण सेना में भर्ती होने वाले युवाओं की उम्र तक कम करनी पड़ी है। दूसरी ओर रूस में कई बार इस युद्ध का खुलकर विरोध हुआ है। लेकिन इसे सख्ती से दबा दिया गया। सरकार सैनिकों की भर्ती के लिए दुष्प्रचार और वित्तीय प्रलोभन देती रही। इसमें गरीबों और अपराधियों को निशाना बनाया गया और उन्हें सेना में भर्ती किया गया।

Russia–Ukraine War
Russia–Ukraine War

 

9. इस युद्ध से सबसे बड़ा नुकसान वैश्विक स्थिरता और शांति को हुआ। रूस के हमले से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति और कई वैश्विक विशेषज्ञों को लग रहा था कि यूक्रेन पर हमला होने की स्थिति में अमेरिका और यूरोप उसकी मदद के लिए आगे आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने मदद तो की लेकिन शर्तों के साथ… जैसे उन्होंने हथियार दिए लेकिन सिर्फ यूक्रेनी धरती पर इस्तेमाल के लिए। दूसरी तरफ इस युद्ध के बाद जापान और ताइवान जैसे कई देशों को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी… कि क्या चीन के संभावित हमले की स्थिति में अमेरिका हमारी मदद के लिए आएगा या नहीं।

बाइडेन प्रशासन के दौरान ये सवाल सिर्फ इन देशों के सामने था, लेकिन ट्रंप के सत्ता में आने के बाद ये सवाल अब यूरोप के सामने भी खड़ा हो गया है। क्योंकि ट्रंप अब नाटो में सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि यूरोप की भी बराबर की भागीदारी चाहते हैं। इस युद्ध पर अमेरिका की मौजूदा प्रतिक्रिया ने पूरे वैश्विक समुदाय को हैरान कर दिया है। 2022 तक एकता का दंभ भरने वाले पश्चिमी देश इस एक युद्ध के बाद बिखरे हुए नजर आ रहे हैं।

ये भी पढ़ें: Tej Pratap: खूद बोलते है उलट-पलट, इस शख्स पर क्यों खौला खून, क्या गलती का हुआ ऐहसास