Terrorist: एस जयशंकर ने दी खुलेआम चुनौती, आंख उठा कर देखा… भारत निकाल देगा हेकड़ी!

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर(S Jaishankar) ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख के बारे में बात की। विदेश मंत्री ने कहा, भारत हमेशा आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की वकालत करेगा और इसे सामान्य बनाने की किसी भी कोशिश को खारिज करेगा।

बेहतर ढंग से सुसज्जित हो

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को एक नई बहुपक्षीय प्रणाली की स्पष्ट और तत्काल आवश्यकता है जो समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती हो, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में मौजूदा संरचनाओं में गंभीर कमी आई है। कई क्षेत्रों में चल रही उथल-पुथल पर चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा कि दुनिया संघर्षों से ग्रस्त है और उभरती चुनौतियों के सामने अधिक खंडित, अनिश्चित और अस्थिर होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि एक बहुपक्षीय प्रणाली की स्पष्ट और तत्काल आवश्यकता है जो समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती हो, आधुनिक चुनौतियों का जवाब देने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हो और जिस उद्देश्य के लिए इसे तैयार किया जा रहा है उसे पूरा कर सके।

मदद नहीं दे पाए

जयशंकर ने मौजूदा संरचनाओं के बारे में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मौजूदा बहुपक्षीय संरचनाओं की गंभीर अपर्याप्तता सामने आई है। जब दुनिया को उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी, तब वे उतनी सुविधा और मदद नहीं दे पाए। जयशंकर ने कहा कि भारत ने हमेशा मानवाधिकारों के वैश्विक प्रचार और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई है। मानवाधिकारों पर भारत के रुख के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण हमारे भागीदारों की प्राथमिकताओं के तहत क्षमता निर्माण और मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित रहा है।

दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता है

दुनिया भर के देशों के साथ भारत की विकास साझेदारी इस प्रतिबद्धता को सामने लाती है। उन्होंने कहा कि साथ ही हम आतंकवाद का मुकाबला करने में दृढ़ और दृढ़ रहे हैं। भारत हमेशा आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति की वकालत करेगा और इसे सामान्य बनाने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा। हम वसुधैव कुटुम्बकम यानी दुनिया को एक परिवार मानने की बात ही नहीं करते, बल्कि उसके अनुसार जीते हैं और आज पहले से कहीं अधिक इस दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता है।

नेतृत्व करने के लिए तैयार

उन्होंने कहा कि दुनिया संघर्षों और संकटों से जूझ रही है, उभरती चुनौतियों के सामने अधिक विखंडित, अनिश्चित और अस्थिर होती जा रही है, जबकि यह हाल की चुनौतियों से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया में उभरती परिस्थितियों के कारण भारत सुधारों की दिशा में प्रयासों का समर्थन और नेतृत्व करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मैं मानवाधिकारों की वैश्विक सुरक्षा और सभी लोगों के लिए उनके पूर्ण कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करता हूं।

ये भी पढ़ें: Muslim girl: बेशर्मी की हदें पार, हिजाब पहनने पर किया… आखिर महिला को क्यों किया जलील!