नई दिल्ली: 22 फरवरी का दिन पाकिस्तान के लिए खास होने वाला है. क्योंकि अपनी धरती पर यह पहला मौका होगा जब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें आमने-सामने होंगी. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का यह मैच लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला जाएगा. इन दोनों टीमों के बीच प्रतिद्वंद्विता का रोमांच भारत और पाकिस्तान के मुकाबले से कम नहीं है. ऐसे में भले ही हमारी अपनी टीम 23 फरवरी को दुबई में होने वाले करो या मरो मैच में व्यस्त होगी, लेकिन पाकिस्तान के लोगों के लिए काफी रोमांच और मजा होने वाला है.
पहली बार दिखेगा ऐसा नजारा
अब एक बात तो साफ है कि चैंपियंस ट्रॉफी के बहाने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड पहली बार लाहौर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की धरती पर भी किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में भिड़ते नजर आएंगे. मतलब वहां के लोगों के लिए ऐसा नजारा क्रिकेट में पहली बार देखने को मिलेगा. लेकिन क्या इससे टूर्नामेंट का 16 साल का इतिहास बदल जाएगा? ये इतिहास चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैचों के आंकड़ों से जुड़ा है.
ऑस्ट्रेलिया से नहीं हारा इंग्लैंड
चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड का पलड़ा ऑस्ट्रेलिया पर भारी रहा है. दोनों के बीच अब तक खेले गए 5 मैचों में इंग्लैंड ने 3 बार जीत हासिल की है, जबकि ऑस्ट्रेलिया को 2 बार जीत मिली है.लेकिन, ऑस्ट्रेलिया को ये दोनों जीत कब मिलीं? 2006 और 2009 चैंपियंस ट्रॉफी में. 2009 में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद से ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को नहीं हराया है. उसके बाद इंग्लैंड ने 2013 और 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया को हराया है। इस आईसीसी टूर्नामेंट में दोनों टीमों के बीच पहली भिड़ंत 2004 चैंपियंस ट्रॉफी में हुई थी और इंग्लैंड ने वहां भी जीत हासिल की थी.
क्या बदलेगा 16 साल का इतिहास?
अब 2025 चैंपियंस ट्रॉफी खेली जा रही है. मतलब 16 साल बीत गए. लेकिन इस बीच खेले गए दोनों चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को नहीं हराया? क्या इस बार वो देखने को मिलेगा जो 16 साल से नहीं देखा गया? इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट जीतने का प्रबल दावेदार है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या पैट कमिंस, जोश हेजलवुड, मिचेल स्टार्क, मिचेल मार्श, मार्कस स्टोइनिस जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में उसके लिए अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को हराना संभव होगा?
क्या कहते हैं आंकड़े?
दोनों टीमों के बीच खेले गए पिछले 5 वनडे मैचों के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्कोर 3-2 से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में नजर आ रहा है। ओवरऑल वनडे रिकॉर्ड में भी 160 मैच खेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड से 90-65 से आगे है. कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम में अपना ट्रैक रिकॉर्ड सुधारने की क्षमता है. लेकिन बड़े खिलाड़ियों के बिना उसी धार और गति के बिना वे ऐसा कैसे करेंगे जो चैंपियंस ट्रॉफी में कमजोर हो गई है, यह लाहौर में देखना दिलचस्प होगा.