अबू आजमी की विधानसभा ने लगाई क्लास, खत्म हो गया सब कुछ, बीजेपी विधायकों ने लिया बदला!

मुंबई: औरंगजेब की तारीफ करने वाले सपा विधायक अबू आजमी (Abu Azami) को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें मौजूदा सत्र के लिए निलंबित किया गया है। सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा तक पहुंच गई थी। मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आजमी ने दावा किया, हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विश्व जीडीपी का 24 प्रतिशत था और भारत को (औरंगजेब के समय में) सोने की चिड़िया कहा जाता था।

शिंदे ने मांग की थी

एकनाथ शिंदे की पार्टी ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अबू आज़मी के भड़काऊ बयान और एफआईआर को मुद्दा बनाकर उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद आज यानी बुधवार को कुछ भाजपा विधायकों ने भी इस पर प्रस्ताव रखा और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मांग की थी कि मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज पर क्रूर अत्याचार करने वाले मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने के लिए अबू आज़मी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

ठेस पहुँचाने की कोशिश

शिंदे के बयान के कुछ ही घंटों बाद, लोकसभा सदस्य नरेश म्हस्के की शिकायत के बाद, उपमुख्यमंत्री के राजनीतिक गढ़ ठाणे में आज़मी के खिलाफ़ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की कोशिश करने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के सदस्यों ने मुंबई और ठाणे शहर में आज़मी के खिलाफ़ दो शिकायतें दर्ज कीं। इसके बाद ठाणे में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत (शिवसेना) ने अपनी मांग दोहराई कि आज़मी को सदन से निलंबित किया जाना चाहिए और उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा बर्दाश्त नहीं कर सकते जिसने छत्रपति शिवाजी महाराज को परेशान किया और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित किया।

अपमानजनक टिप्पणी नहीं की

वहीं बयान पर जैसे ही विवाद बढ़ा तो उसके बाद, अबू आज़मी ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि “मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा, वह इतिहासकारों और लेखकों के बयानों के आधार पर कहा। हालांकि मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरुष के खिलाफ़ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की। फिर भी अगर किसी को मेरी टिप्पणी से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने बयान और टिप्पणियां वापस लेता हूं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। आजमी ने कहा कि इस वजह से बजट सत्र को बाधित करना महाराष्ट्र की जनता का नुकसान है।

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