Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी जम कर अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार में जुट गए हैं । नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रगति यात्रा के दौरान बिहार विकास के लिए अपना सरकारी कुबेर धन लुटा दिया है। उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी जनता से कई वादें कर चुके है। तेजस्वी ने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो अपने किए हुए सभी वादों को पूरा करेंगे। लेकिन गठबंधन दो ध्रुवीकरण पर आकर फंस गई है। गठबंधन में कांग्रेस ने कई अटकलें लगा दी हैं। कांग्रेस ने शर्त रख दी है बिहार के मुख्यमंत्री का फेस वही होगा जो अधिक सीट लेकर आयेगा। इधर कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को लाकर खड़ा कर रही है ताकि ये तेजस्वी के प्रतिद्विंदी फेस साबित हो सकें।

कन्हैया को कांग्रेस उतार सकती है बिहार के चुनावी मैदान में
कन्हैया कुमार के प्रति कांग्रेस की दरियादिली ये प्रमाणित कर रही है कि कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव में कन्हैया कुमार को मैदान में उतार सकती है। बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कन्हैया को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ाया था। अब कन्हैया कुमार अपने राज्य की राजनीति में वापसी कर रहे हैं। नीतीश सरकार के ख़िलाफ़ बीते दिनों में हुए युवाओं के आंदोलन में प्रशांत किशोर की लोकप्रियता की काट के लिए कांग्रेस इस पदयात्रा में कन्हैया कुमार को उतार रही है।
बिहार में नौकरी दो यात्रा से कन्हैया कुमार की होगी बिहार वापसी
राहुल गांधी के भारत यात्रा के तर्ज पर कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नौकरी दो यात्रा की शुरुआत करने जा रही है। सूत्रों के मुताबित ये यात्रा आगामी 16 मार्च से 14 अप्रैल तक चलेगा। इसका नेतृत्व कन्हैया कुमार कर सकते हैं। ऐसे में इस कार्यक्रम को बिहार की सियासत में कन्हैया की वापसी के तौर पर देखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक यह यात्रा पूर्वी चंपारण के ऐतिहासिक गांधी आश्रम से शुरू होकर पटना तक जाएगी. करीब चार हफ्तों में चार सौ से पांच सौ किलोमीटर की यह पदयात्रा लगभग बीस जिलों से होकर निकाली जाएगी. इस दौरान रोजगार, पेपरलीक, पलायन आदि मुद्दों के ज़रिए युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश होगी।