पटना: बिहार पुलिस (Bihar Police) की अमानवीयता एक बार फिर सामने आई है। राज्य के कटिहार जिले के पोठिया थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक आदिवासी युवक को सड़क पर लिटाकर बेरहमी से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे पूरे इलाके में गुस्से का माहौल है। घटना सेमली प्रखंड के छोहड़ पंचायत की है। इलाके में गश्त पर निकली पुलिस ने एक निर्दोष आदिवासी युवक को पकड़ लिया।
सड़क पर लिटा दिया
पुलिस ने आदिवासी युवक को सड़क किनारे खड़े होने और वाहन को रास्ता न देने के आरोप में पकड़ लिया और बिना किसी कारण के सरेआम लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस ने युवक को सड़क पर लिटा दिया और बेरहमी से उसकी पिटाई कर रही है. पुलिस के साथ थाने के निजी ड्राइवर ने भी आदिवासी युवक पर लाठियां बरसाईं. पिट रहा आदिवासी युवक रहम की गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिसकर्मियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ.
अपराध नहीं किया था
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि युवक ने कोई अपराध नहीं किया था, लेकिन फिर भी पुलिस ने ऐसी क्रूरता दिखाई, जैसे उसे सजा दे रही हो. वीडियो सामने आने के बाद पूरे इलाके में पुलिस के इस क्रूर व्यवहार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा फैल गया है. घटना के बाद से ही स्थानीय लोग पुलिस की इस बर्बरता पर सवाल उठा रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद कटिहार एसपी वैभव शर्मा ने तुरंत इस पर कार्रवाई की. आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
सरकार पर निशाना साधा
कटिहार एसपी ने आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. इस मुद्दे पर आरजेडी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। आरजेडी ने x पर पोस्ट किया, नीतीश कुमार ने दलित अफसरों की हत्या, अपहरण और मारपीट करने वाले बीजेपी विधायक को मंत्री बनाया है। यही है नीतीश कुमार का असली चाल, चेहरा और चरित्र। उनकी कथनी और करनी में बहुत फर्क है। बीजेपी गुंडों की पार्टी है।
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