नई दिल्ली: दिल्ली में सरकार (Delhi Government) बदलने के साथ ही इलाके के नाम को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में विधायकों ने कुछ इलाकों के नाम बदलने की सिफारिश की। नजफगढ़ से विधायक नीलम पहलवान ने शून्यकाल के दौरान अपनी विधानसभा का नाम बदलने की सिफारिश की।मीडिया से बात करते हुए नीलम पहलवान ने कहा कि अब समय आ गया है जब हम अपने पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकें. राजा नागरसिंह को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकेगी जब क्षेत्र का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा.
नाम बदलकर नाहरगढ़ रखा जाए
नीलम पहलवान ने कहा कि मुगल काल में नजफ खान को इस क्षेत्र का गवर्नर बनाया गया था। तभी से इस क्षेत्र का नाम नजफगढ़ पड़ा। उन्होंने कहा कि 1857 के युद्ध में जाटों ने अभूतपूर्व योगदान दिया था। राजा नागर सिंह जी ने 1857 की क्रांति में न सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंकने की पूरी कोशिश भी की। यही वजह है कि हम मांग करते हैं कि मेरी विधानसभा का नाम बदलकर नाहरगढ़ रखा जाए।
दिल्ली के आरके पुरम से विधायक अनिल शर्मा ने मांग की है कि उनके क्षेत्र के मोहम्मदपुर का नाम बदलकर माधोपुरम किया जाए. उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव के दौरान ही नहीं बल्कि वहां के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम पहले ही इस क्षेत्र का नाम बदलने की सिफारिश कर चुका है.
शिव विहार कर दिया जाएगा
विधानसभा के उपाध्यक्ष और मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मीडिया से खास बातचीत में कहा कि यह तय है कि आने वाले दिनों में मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिव विहार कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह चुनावी वादा था और हम जनता से किया गया यह वादा पूरा करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि मुस्तफाबाद में मुस्तफा नाम का एक इलाका है, वह इलाका मुस्तफा ही रहेगा, लेकिन पूरे विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर शिव विहार किया जाएगा.
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि नाम बदलने को लेकर नीलम पहलवान ने पहले भी उनसे बात की थी. यह उनके पुराने लोकसभा क्षेत्र का इलाका है, जिसके नाम को लेकर उन्होंने उनसे बात की थी. उन्होंने कहा कि उस समय भी वह नाम बदलने के लिए तैयार थे और आज भी वह नीलम पहलवान की मांग का समर्थन करते हैं।
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