चंडीगढ़: किसानों (Farmers) के कल चंडीगढ़ कूच करने के ऐलान को देखते हुए पुलिस भी सतर्क हो गई है। चंडीगढ़ पुलिस ने शहर में प्रवेश के 12 रास्तों पर रूट डायवर्ट कर दिया है और हर जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। चंडीगढ़ के अंदर और सभी बॉर्डर पर करीब 2500 पुलिसकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी तैनात रहेंगे। इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस लगातार पंजाब पुलिस के संपर्क में भी रहेगी। किसानों के मार्च को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है और आम लोगों से अपील की है कि वे चंडीगढ़ आने से पहले डायवर्ट किए गए रूट को चेक कर लें।
हाईवे प्रोजेक्ट रुकेगा
उधर, किसानों के ऐलान पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का ताजा बयान सामने आया है। सीएम ने कहा कि जो भी जनता को परेशान करेगा, कभी ट्रेन रोकेगा, कभी सड़क रोकेगा, कभी पाइपलाइन रोकेगा, तब भी नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट रुकेगा। ये लोग इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के दफ्तरों के बाहर भी धरना देने लगे हैं, पारिवारिक विवादों में भी कूद पड़े हैं। क्या ये समानांतर सरकार चला रहे हैं? ऐसे विरोध प्रदर्शनों से लोग दुखी हैं और काफी परेशान हैं। पंजाब के सीएम ने कहा कि अगर आप ऑनलाइन कुछ ऑर्डर करते हैं और पंजाब के पते पर डिलीवरी करवाना चाहते हैं तो उसमें लिखा होगा कि सड़कें बंद हैं और पंजाब में डिलीवरी का रेट अलग होगा। क्या ये हमारी अंतरराष्ट्रीय छवि बना रहे हैं? क्या ये ऐसी बात है कि ये रोज सड़कें जाम करते हैं? उन्होंने कहा कि मैं किसानों के साथ मीटिंग में बिल्कुल भी नाराज नहीं था। मैं सिर्फ जनता के लिए नाराज रहूंगा।
उनका अपमान किया
मैं कभी अपने लिए नाराज नहीं होता। मैंने उनसे अनुरोध किया कि जनता के लिए इस तरह सड़कें जाम न करें। मैंने किसानों से कहा कि जनता के लिए सड़कें जाम न करें। दरअसल, किसानों के चंडीगढ़ कूच करने के ऐलान के मद्देनजर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा-राजनीतिक के 40 नेताओं के साथ अहम बैठक की थी। इस बैठक में नेताओं के साथ बहस भी हुई और वे बैठक छोड़कर चले भी गए। बाद में किसानों ने सीएम के व्यवहार पर नाराजगी भी जताई। किसान नेताओं का कहना है कि सीएम ने उनका अपमान किया और कहा कि जाओ और प्रदर्शन करते रहो।
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