Haryana School News: हरियाणा सरकार ने नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने बताया कि राज्य में 2025 तक NEP को पूरी तरह से लागू किया जाएगा, जिससे सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और संख्या में सुधार होगा।
इस नीति के तहत, प्राइमरी कक्षाओं के सिलेबस में बदलाव किया गया है, जिससे पहली, दूसरी, तीसरी और छठी कक्षा के छात्रों के लिए नई पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। ये पुस्तकें बच्चों की रुचि और समझ के अनुसार तैयार की गई हैं, ताकि वे बेहतर तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सकें।
इसके अतिरिक्त, छात्रों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए, आठवीं कक्षा तक श्रीमद्भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे बच्चों को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान से अवगत कराया जाएगा।
हरियाणा शिक्षा विभाग के एडिशनल डायरेक्टर, सुनील बजाज ने नई शिक्षा नीति के तहत प्राइमरी कक्षाओं के लिए तैयार की गई नई पुस्तकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। इन पुस्तकों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वे बच्चों को आपस में चर्चा करने, खेल-खेल में सीखने, पहेलियों और चुनौतियों के माध्यम से स्वाध्ययन के लिए प्रेरित करें।
विभाग ने दो नई पुस्तकों
इसके अतिरिक्त, विभाग ने दो नई पुस्तकों—फिजिकल एजुकेशन और आर्ट एजुकेशन—को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। फिलहाल, ये पुस्तकें अध्यापकों को प्रदान की जाएंगी ताकि वे बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में संलग्न कर सकें। इन गतिविधियों में डांस, ड्रामा, ड्राइंग आदि शामिल हैं, जिन्हें अब एक आवश्यक विषय के रूप में कक्षा में समय दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करना और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देना है।
नई शिक्षा नीति के तहत, हरियाणा सरकार ने 2025 तक इसे पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य रखा है, जिससे राज्य के 14,000 सरकारी स्कूलों और 22 लाख छात्रों को लाभ होगा।
हरियाणा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण
हरियाणा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने कक्षा पहली और दूसरी के लिए गणित की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं। इन पुस्तकों को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के सहयोग से विकसित किया गया है। नई पुस्तकों को दो भागों में विभाजित किया गया है