HBSE Update: हरियाणा में बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ी अपडेट! ऐसे लगेगा 5 हजार रुपए का जुर्माना

HBSE Update: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी ने आगामी बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के उद्देश्य से निजी स्कूलों के स्टाफ की ड्यूटी न लगाने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है, उनका मानना है कि इससे निजी स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न होगी, जिससे सरकार और निजी स्कूलों के बीच संबंधों में खटास आ सकती है।

फेडरेशन का तर्क है

फेडरेशन का तर्क है कि निजी स्कूलों के शिक्षक भी योग्य और समर्पित होते हैं, और उन्हें बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी से वंचित करना अनुचित है। वे चाहते हैं कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे और निजी स्कूलों के स्टाफ को भी परीक्षाओं में शामिल होने का अवसर प्रदान करे, ताकि शिक्षा प्रणाली में समरसता और सहयोग बना रहे।

इस संदर्भ में

इस संदर्भ में, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए तारीखों की घोषणा की है। 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 26 फरवरी से 28 मार्च 2025 तक चलेंगी, जबकि 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 27 फरवरी से 15 मार्च 2025 तक आयोजित की जाएंगी।

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन का मानना है कि निजी और सरकारी स्कूलों के बीच सहयोग से ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव है, और ऐसे निर्णयों से दोनों के बीच दूरी बढ़ सकती है।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) के निर्णय के खिलाफ निजी स्कूलों ने आपत्ति जताई है कि केवल सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा ड्यूटी देने का मौका देना नकल रोकने में कितना कारगर होगा।

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि पहले भी जब निजी स्कूलों के शिक्षकों को ड्यूटी से बाहर रखा गया था, तब क्या बोर्ड नकल को पूरी तरह रोक पाया? उन्होंने इस निर्णय को निजी स्कूलों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया और मांग की कि योग्य शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से वंचित न किया जाए।

बोर्ड ने पहले भी निजी स्कूलों के शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से अलग रखा है, लेकिन मार्च 2019 में जब कई शिक्षक गैरहाजिर रहे थे, तब बोर्ड ने उन पर जुर्माना लगाया था। अब देखना होगा कि इस बार निजी स्कूलों की आपत्ति के बाद बोर्ड अपने फैसले पर पुनर्विचार करता है या नहीं।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने पिछले वर्षों में परीक्षा ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वाले निजी स्कूलों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। उस समय भी इस फैसले का विरोध हुआ था। अब बोर्ड ने ऐसी पुनरावृत्ति रोकने के लिए निजी स्कूलों के शिक्षकों को पूरी तरह परीक्षा ड्यूटी से अलग रखने का फैसला किया है।

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन इस फैसले का विरोध कर रहा है। उनका तर्क है कि इससे निजी स्कूलों के प्रति अविश्वास बढ़ेगा और शिक्षा व्यवस्था में भेदभाव उत्पन्न होगा। हालांकि, बोर्ड अपने फैसले पर कायम है और इसे परीक्षा में नकल रोकने के लिए आवश्यक कदम बता रहा है।