Kisan News: हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! हरियाणा में किसानों को मिलेगा ये फायदा

Kisan News: हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी है! राज्य सरकार ने रेवाड़ी जिले के बावल क्षेत्र में अत्याधुनिक बायो कंट्रोल लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस लैब का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को टिकाऊ कृषि के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रदान करना है।

लैब में जैविक उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ प्राकृतिक उपायों के जरिए फसल सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर किसानों की निर्भरता कम होगी। इससे न केवल मिट्टी की उर्वरता में सुधार होगा, बल्कि फसलों की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होगी।

इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वित्तपोषित कर रही हैं। केंद्र सरकार ने 1.55 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जबकि कुल परियोजना लागत 1.75 करोड़ रुपये है। इस राशि से लैब के लिए आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे और किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

इस कदम से किसानों को जैविक खेती के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी और यह पहल उन्हें अधिक लाभकारी विकल्प प्रदान करेगी।

रेवाड़ी जिले में बनने वाली बायो कंट्रोल लैब का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को पर्यावरण-friendly और टिकाऊ कृषि समाधान प्रदान करना है। इस लैब में ये काम होंगे:

1. जैविक उत्पादों का निर्माण: लैब में जैविक उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जो फसलों की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक उपायों का उपयोग करेंगे। इससे किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग कम करने का अवसर मिलेगा।

2. फसल सुरक्षा के प्राकृतिक उपाय: लैब में शोध कर के यह देखा जाएगा कि जैविक उपायों से फसलों की सुरक्षा कैसे की जा सकती है, जैसे कि बायो-पेस्टीसाइड्स और बायो-फर्टिलाइज़र्स के उपयोग से।

3. उन्नत शोध: लैब में उच्च तकनीकी उपकरणों के जरिए जैविक खेती से संबंधित शोध किए जाएंगे, ताकि यह समझा जा सके कि विभिन्न फसलों पर जैविक समाधान कितने प्रभावी हो सकते हैं।

4. किसानों को प्रशिक्षण: किसानों को जैविक खेती के लाभ और उसके सही तरीके के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे उन्हें कम लागत में ज्यादा लाभ मिल सकेगा।

5. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना: जैविक समाधान का उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने और उसकी उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जाएगा, जिससे फसलें अच्छी तरह से विकसित हो सकें।