लखनऊ: महाकुंभ 2025 अब खत्म हो चुका है, लेकिन इसे लेकर सियासत जारी है. यूपी की योगी सरकार जहां इस भव्य आयोजन को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव इस आयोजन पर लगातार निशाना साध रहे हैं. महाकुंभ में मची भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या की मांग करते हुए अखिलेश ने कहा कि सच छिपाना अपराध की निशानी है.
एक्स पर ट्वीट कर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने पोस्ट में कहा कि सच छिपाना अपराध की निशानी है. इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर महाकुंभ में भगदड़ के दौरान मारे गए और लापता लोगों के परिवारों को ‘गिद्ध’ कहकर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था.
कनौज में बरसे अखिलेश
अखिलेश ने कल बुधवार को कन्नौज में कहा, ”सीएम योगी महाकुंभ में अपनों को ढूंढ रहे लोगों और मृतकों के परिजनों को गिद्ध कहकर उनका अपमान कर रहे हैं.” अब भी बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ में अपनों को ढूंढ रहे हैं. कहीं कोई अपने भाई को ढूंढ रहा है, तो कहीं बेटा अपने पिता को और बेटी अपनी मां को ढूंढ रही है. कई लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. क्या मुख्यमंत्री अपनों को ढूंढने वालों को गिद्ध कह रहे हैं? यह मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।”
सीएम योगी
महाकुंभ ख़त्म होती ही सीएम योगी ने विपक्षी दल को अड़े हाथ लेना शुरू कर दिए हैं। इस दौरान उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा, ”महाकुंभ में ऐसी कोई घटना नहीं हुई जिसका पता दूरबीन या माइक्रोस्कोप से विरोधियों को खोजने से लगाया जा सके.” लेकिन विरोधियों ने प्रोपेगेंडा फैलाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. आस्था का यह विशाल जमावड़ा उन्हें पसंद नहीं आया.” उन्होंने कहा कि महाकुंभ सही मायने में वैश्विक स्तर का आयोजन है, इसकी सफलता का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि 45 दिनों तक चले महाकुंभ के दौरान 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु आये, जिसमें अपहरण, डकैती, छेड़छाड़ और बलात्कार की कोई घटना नहीं हुई.