मसान की होली में इस लोगों पर लगी रोक, क्या कुछ होने वाला है बड़ा या कोई रच रहा साजिश?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी में महिलाओं के मसान की होली खेलने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा भगवान का रूप धारण करने और मानव खोपड़ियों की माला पहनने का नाटक करने पर भी रोक लगा दी गई है। बाबा महाश्मशान नाथ मंदिर समिति ने मसान की होली के अवसर पर महिलाओं के मणिकर्णिका घाट पर आने पर रोक लगा दी है। आयोजकों ने महिलाओं से अपील की है कि वे बजरे, नाव और गलियारे से ही होली देखें। काशी के मणिकर्णिका घाट पर 11 मार्च को मसान की होली खेली जाएगी। इसे चिता भस्म की होली भी कहते हैं।

घाट पर नहीं आएंगी

मसान की होली दोपहर की आरती के बाद यानी मणिकर्णिका घाट पर दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। आयोजक बाबा महाश्मशान नाथ मंदिर समिति ने साफ कर दिया है कि इस बार महिलाएं घाट पर नहीं आएंगी। उनसे अपील की जा रही है कि वे नावों और बजड़ों पर बैठकर या गलियारे से ही यह होली देखें। बढ़ती भीड़ और हंगामे के चलते आयोजन समिति ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। आयोजन समिति के प्रमुख गुलशन कपूर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि इस बार देवताओं का स्वरूप बनाने और मानव मुंडों की माला पहनाने का दिखावा करने पर रोक रहेगी। बाबा मसान नाथ के गर्भगृह में पूजा-अर्चना के साथ होली की शुरुआत होगी।

प्रशासन से मदद ली

चिता भस्म की होली देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं इसे देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन से मदद ली जाएगी। आयोजन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि मान्यता है कि बाबा दोपहर में मणिकर्णिका तीर्थ पर मध्याह्न स्नान करने आते हैं, जिसके बाद सभी तीर्थयात्री यहां स्नान कर अपने स्थान पर चले जाते हैं और वहां स्नान करने वालों में पुण्य बांटते हैं। उन्होंने बताया कि स्नान के बाद अंत में बाबा अपने प्रियजनों के साथ मणिकर्णिका महाश्मशान पर आते हैं और चीतल की भस्म से होली खेलते हैं। कई वर्षों की यह परंपरा यहां प्राचीन काल से ही भव्य तरीके से मनाई जाती रही है।

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