साध्वी हर्षा रिछारिया पहुंची अयोध्या, कैंप में देखी गई, आखिर क्या कर रही थी अंदर?

लखनऊ: महाकुंभ (Maha kumbh) के दौरान चर्चा में आईं साध्वी हर्षा रिछारिया अयोध्या पहुंच गई हैं। उन्होंने निर्माणाधीन राम मंदिर में भगवान राम के दर्शन किए। मंदिर से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही कुछ बड़ा करने जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने रामलला से अनुमति ले ली है। मॉडलिंग छोड़कर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की शिष्या बनीं हर्षा रिछारिया ने कहा कि वह काम शुरू करने से पहले मंदिरों में दर्शन-पूजन कर रही हैं। उन्होंने क्या बड़ा काम करने जा रही हैं, इसका खुलासा तो नहीं किया, लेकिन उनके हाव-भाव से लग रहा था कि वह चौंकाने वाली हैं। इस मौके पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने रामलला की प्रतिमा की खूब तारीफ की। कहा कि रामलला के दर्शन के बाद नजर नहीं हटती।

नीचे लाने का प्रयास करेंगी

भगवान की प्रतिमा बेहद मनोरम है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर में दर्शन पूजन कर उन्हें अलौकिक आनंद की अनुभूति हुई है। अपनी कार्ययोजना की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह आध्यात्म की राह पर चलती नजर आएंगी। उन्होंने बताया कि अभी सनातन धर्म के लोग जाति, क्षेत्र और संप्रदाय में बंटे हुए हैं, लेकिन वह बहुत जल्द सभी को एक छत के नीचे लाने का प्रयास करेंगी। इसके लिए वह बड़ी संख्या में युवाओं को अपने साथ जोड़ने जा रही हैं। उन्होंने रील बनाने वाले युवाओं पर भी टिप्पणी की। कहा कि इन दिनों बड़ी संख्या में युवा भटक कर रील का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से रील और वीडियो का सनातन और समाज की उन्नति के लिए उपयोग करने का आग्रह किया।

बढ़ने की कोशिश कर रही

इस अवसर पर साध्वी हर्षा रिछारिया ने युवाओं को उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ युवा धर्म और आध्यात्म के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। राम मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद हर्षा रिछारिया ने काशी में बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा के दरबार में दर्शन किए। आपको बता दें कि महाकुंभ के दौरान हर्षा रिछारिया कैलाशानंद गिरि की छावनी में नजर आई थीं। इसके चलते वह विवादों में घिरी थीं और फिर मीडिया की सुर्खियों में छाई रहीं। आध्यात्म से जुड़ने से पहले हर्षा रिछारिया मॉडलिंग और एंकरिंग करती थीं। इससे उन्होंने खूब नाम कमाया है। हालांकि, अब वह इन सब चीजों को छोड़कर आध्यात्म की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही हैं।

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