सपा सांसद फंस गई, कानून ने कसा शिकंजा, 50 लोगों के साथ किया… मजिस्ट्रेट से हुई कहासुनी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद रुचि वीरा और कांग्रेस नेता असद मौलई के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। यह मामला लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है। आरोप है कि इन नेताओं ने बिना अनुमति के जनसभा की थी। कोर्ट ने यह वारंट उनके लगातार कोर्ट में अनुपस्थित रहने के कारण जारी किया है।

वारंट जारी किया गया

कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मार्च की तारीख तय की है. यह मामला मुरादाबाद के नागफनी थाने में दर्ज किया गया था. इसके बाद दोनों नेता कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके चलते अब वारंट जारी किया गया है. आरोप है कि रुचि वीरा सिविल लाइंस इलाके में 50 लोगों के बीच बिना अनुमति के प्रचार कर रही थीं. इस दौरान जब सिटी मजिस्ट्रेट उनके पास पहुंचे तो सपा सांसद और मजिस्ट्रेट के बीच कहासुनी हो गई. सिटी मजिस्ट्रेट ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना. सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्याशी के बिना अनुमति लोगों के बीच जाने से नाराज थे. रिपोर्ट के मुताबिक आरोप है कि 2024 में 7-8 फरवरी को रुचि वीरा करीब 50-60 लोगों के साथ जनसभा कर रही थीं.

चुनाव जीत भी गईं

समाजवादी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी थी। इस चुनाव में पार्टी ने मौजूदा सांसद एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को मैदान में उतारा था। रुचि वीरा चुनाव जीत भी गईं। रुचि वीरा का जन्म 2 सितंबर 1961 को हुआ था और वह मूल रूप से बिजनौर की रहने वाली हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और बिजनौर से विधायक चुनी गईं। रुचि वीरा को आजम खान का करीबी माना जाता है। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय से कला में डिग्री हासिल की है। उनके पास 25 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

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