लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) की शाही जामा मस्जिद की पुताई को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर आए फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि एएसआई किसके आदेश पर काम करती है, यह सभी भली-भांति जानते हैं। सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कहा, ‘मस्जिद की पुताई कोई बड़ी बात नहीं है। धार्मिक स्थलों की मरम्मत और साज-सज्जा नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।
मुद्दा बना दिया गया
रमजान के मौके पर मस्जिद की पुताई की जा रही थी, लेकिन अब इसे विवाद का मुद्दा बना दिया गया है।’ सरकार के पास मस्जिद को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं- जियाउर रहमान बर्क उन्होंने आगे कहा, ‘हम कानून और न्यायपालिका का सम्मान करते हैं। जरूरत पड़ने पर हम हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। हालांकि, अगर हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी में कोर्ट का कोई प्रतिनिधि शामिल होता तो रिपोर्ट संतुलित और निष्पक्ष होती।
सरकारी जमीन पर बनी है
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि संभल की जामा मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है। इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बर्क ने कहा, “यह पूरी तरह से निराधार और भ्रामक दावा है। इस्लाम में मस्जिद के लिए खरीदी गई जमीन ही वैध है। सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई ठोस सबूत नहीं है। इस तरह के बयान सिर्फ जनता को गुमराह करने वाले हैं।
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