बुजुर्गों के लिए खास है ये सारी स्कीम्स, यहां पर निवेश करने पर मिलेगा तगड़ा रिटर्न, जानें डिटेल

Adarsh Pal
Investment Option for Senior Citizen
Investment Option for Senior Citizen

नई दिल्ली Investment Option for Senior Citizen: रिटायरमेंट के बाद अधिकतर लोगों को बुढ़ापे के लिए पैसों की चिंता सताने लगती है। रिटायरमेंट के बाद कोई भी रेगुलर इनकम नहीं रहती है। जिसके बाद घर का खर्च उठाने में काफी समस्या आ जाती है।

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ऐसे में अगर आप अपने पैसों को बचाकर निवेश करने का ऑप्शन खोज रहे हैं जिससे कि रेगुलर इनकम प्राप्त हो सके और घर का खर्च उठानें में समस्या न हो। इस लेख में हम जिस स्कीम के बारे में बात करने जा रहे हैं वह सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम है। ये आपके सपनों को साकार करने में मदद करेगा।

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की डिटेल

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 60 साल और उससे ज्यादा आयु के लोग लाभ उठा सकते हैं। ये काफी सेफ ऑप्शन है। इस स्कीम में ब्याज की गारंटी मिलती है। इसके साथ में गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। हर तिमाही में आपको ब्याज भी मिलता है और 5 सालों के लिए मिलता है। ये स्कीम बुजुर्गों के लिए सरकार चला रही है। इसमें 8.2 फीसदी का ब्याज सरकार दे रही है। सीनियर सिटीजन इस स्कीम में 30 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं।

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इसके अलावा सभी पोस्ट ऑफिस, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर बैंक सीनियर सिटीजन को एफडी पेश करते हैं। सीनियर सिटीजन को एफडी पर 0.50 फीसदी का एक्स्ट्रा ब्याज भी मिलता है ये आम लोगों को एफडी पर मिल रहे ब्याज से 0.50 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलता है।

म्यूचुअल फंड्स से मिलता है तगड़ा रिटर्न

इसके अलावा बुजुर्गों को म्यूचुअल फंड या फिर हाइब्रिड फंड में भी निवेश किया जा सकता है। ये मुख्य रूप से फिक्स इनकम वाले ऑप्शन में ही निवेश करते हैं। इसमें कैपिटल बढ़ने के साथ में रेगलर इनकम भी बढ़ती है। बहराल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना जोखिम से भरा हो सकता है। इसका चुनाव आप अपने जोखिम को देखते हुए ही करें।

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पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम

पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम में आपको हर महीने एक रेगुलर इनकम की गारंटी देती है। इसका मैच्योरिटी पीरियड 6 सालों का होता है। इसके हर तीन महीने में इसकी ब्याज दरें रिवाइज होती है। बुजुर्गों को निवेश करते समय मंथली अपने इनकम के टारगेट, कैश की आवश्यकता, जोखिम उठाने की क्षमता और डीए को ध्यान में रखकर निवेश करना होगा। इसके साथ में समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा भी करनी होगी।

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