Beekeeping: बिहार सरकार अनुशासित तरीके से किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार कई मुंशी भी चला रही है. राज्य में बौद्ध धर्म की खेती एक महत्वपूर्ण व्यवसाय के रूप में विकसित हो रही है. इसका मतलब यह है कि मधुमक्खी की मदद से सफलता की प्रक्रिया को भी समर्थन मिलता है.
इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार प्राइवेट लिमिटेड इनोवेशन की तैयारी को बढ़ावा दे रही है. अब हर जिले में 10-10 युवा बौद्ध अभिभावकों को मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग दी जायेगी. ये प्रशिक्षक मधुमक्खी पालन वैज्ञानिकों से लेकर मधुमक्खी पालकों तक सभी को आश्चर्यचकित कर देंगे.
मधुमक्खी पालन
राष्ट्रीय स्तर पर शहद उत्पादन में बिहार अग्रणी राज्य है. बिहार में 20260 टन शहद के उत्पादन के बावजूद शहद स्टॉक के आंकड़ों के मामले में बिहार की स्थिति अच्छी नहीं है. दूसरे राज्यों के व्यापारी बिहार से शहद खरीदते हैं और इसे अपने ब्रांड के तहत बेचते हैं. अब राज्य के कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विभाग एवं मधु एल्यूमिनियम इकाई द्वारा गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन एवं ब्रांडिंग की आवश्यकता है.
साइबेरियाई ऑटोमोबाइल बाजार और सुपरमार्केट के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार उत्पादन करना चाहिए. राज्य के कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने सभी पशुपालकों से अनुरोध किया है कि वे केवल शहद निकालें और रासायनिक दवाओं के उपयोग से बचें.
हर जिले में 10-10 मास्टर ट्रेनर होंगे
प्रत्येक जिले में 10-10 युवा बौद्ध शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करें, ताकि किसानों को शिक्षा शिक्षकों के वैज्ञानिक उम्मीदवारों द्वारा विभिन्न तरीकों से प्रशिक्षित किया जा सके.