नई दिल्लीः हर कोई चाहता है कि रिटायरमेंट के समय एक बड़ा फंड हो, जिससे भविष्य सुरक्षित रहे और बड़े खर्च आसानी से पूरे किए जा सकें। लेकिन बिना किसी बाजार जोखिम (Risk-Free) के, टैक्स छूट के साथ सुरक्षित निवेश कैसे किया जाए? यही सवाल अदिति के मन में भी था।
अदिति का फाइनेंशियल प्लान
अदिति एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनकी बेसिक सैलरी और DA मिलाकर ₹35,000 मंथली है। वह सुरक्षित निवेश चाहती हैं, जो रिटायरमेंट पर बड़ा फंड दे।
EPF (Provident Fund) उनके लिए काफी नहीं होगा क्योंकि इसमें बेसिक सैलरी का 12% ही जमा होता है। इसलिए अदिति VPF (Voluntary Provident Fund) को चुन सकती हैं, जो टैक्स सेविंग के साथ बेहतर ब्याज देता है।
VPF क्या है?
VPF यानी Voluntary Provident Fund EPF का एक्सटेंशन है। इसमें कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और DA का 100% तक निवेश कर सकता है। यह सरकार द्वारा समर्थित सुरक्षित योजना है।
VPF की खास बातें:
यह EPF का ही एक्सटेंशन है।
इसमें नियोक्ता (Employer) का कोई योगदान नहीं होता।
इस पर 8.25% का ब्याज मिलता है।
इसमें 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट मिलती है।
EPF और VPF मिलाकर ₹2.5 लाख सालाना निवेश तक ब्याज टैक्स-फ्री होता है।
5 साल से पहले निकासी पर ब्याज पर टैक्स लगेगा।
VPF में निवेश से अदिति को कितना मिलेगा?
अदिति ₹12,500 प्रति माह VPF में निवेश कर रही हैं।
58 साल की उम्र में अदिति को:
VPF से: ₹1.5 करोड़
EPF + VPF मिलाकर: ₹3 करोड़
VPF में निवेश कैसे करें?
HR या Payroll टीम से संपर्क करें।
VPF के लिए आवेदन भरें और योगदान प्रतिशत तय करें।
EPF खाते में ऑटोमैटिक कटौती से निवेश शुरू हो जाएगा।
VPF क्यों चुनें?
रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित और गारंटीड फंड।
EPF की तुलना में अधिक ब्याज।
टैक्स छूट का फायदा।
बैंक FD से बेहतर और सुरक्षित।
निष्कर्ष:
अगर आप रिस्क-फ्री, गारंटीड रिटर्न वाला निवेश चाहते हैं, तो VPF बेहतरीन विकल्प है। यह रिटायरमेंट सेविंग को बढ़ाने का सुरक्षित और टैक्स-सेविंग ऑप्शन है। हालांकि, पैसे की अचानक जरूरत हो सकती है तो इसे शुरू करने से पहले प्लानिंग करना जरूरी है।
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