नई दिल्ली SCSS Account: सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के खाते पर बहराल 8.2 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है। लेकिन इस स्मॉल सेविंग स्कीम पर 2 से 2.5 साल पहले तक इतना ब्याज नहीं मिल रहा था। सितंबर 2022 तक इस स्कीम पर सालाना 7.4 फीसदी की दर से ही निवेश दिया जा रहा था।
एससीएसएस खाता ओपन करने वालों को अब भी उतना ब्याज मिल रहा है। ऐसे में निवेशकों के मन में ये सवाल ये उठा सकता है कि क्या उनको ब्याज पाने के लिए अपना पुराना खाता मैच्योरटी से पहले क्लोज करके उन्हीं पैसों को नए एससीएसएस खाते में डाल देना चाहिए। ऐसा करना कितना सहीं होगा। ये समझने के लिए सबसे पहले एससीएसएस खाते को मैच्योरिटी से पहले क्लोज करने से जुड़े नियमों को जानना चाहिए।
SCSS Account में मैच्योरिटी से पहले क्लोज करने का नियम
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के खाते का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है। निवेशक चाहें अपने एससीएसएस खाते को मैच्योरिटी से पहले भी क्लोज करा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनको कुछ पेनाल्टी देनी होती है।
अगर खाते को 1 साल पूरा होने से पहले क्लोज कर दिया जाता है, तो उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यदि इस दौरान कोई ब्याज दिया जा चुका है, तो उसे प्रिंसिपल खाता यानि कि मूलधन से काट लिया जाएगा।
वहीं खाता ओपन करने की तारीख से 1 साल के बाद लेकिन 2 साल से पहले क्लोज कर दिया जाता है, तो पेनाल्टी के तौर पर मूलधन से 1.5 फीसदी काट ली जाएगी। खाता ओपन करने की तारीख से 2 साल के बाद लेकिन 5 साल से पहले खाता क्लोज करने पर मूलधन से 1 फीसदी रकम काटी जाएगी।
वहीं 5 साल के बाद मैच्योर होने वाले खाते को यदि 3 साल के लिए एक्सटेंड कराया गा है तो ऐसे खाते को एक्सटेंशन का 1 साल पूरा होने के बाद किसी भी समय बिना किसी कटौती के क्लोज किया जा सकता है।
जानें नफा नुकसान का कैलकुलेशन
वहीं एससीएसएस को मैच्योरिटी से पहले क्लोज करके नया खाता ओपन करने का फैसला करने से पहले नियमों को ध्यान में रखते हुए खाते को क्लोज करने के नुकसान हैं। मान लें अगर आपने 2 साल पहले 7.4 फीसदी ब्याज दर पर एससीएसएस खाते में 15 लाख रुपये जमा किए थे।
खाता क्लोज करते समय 15 हजार रुपये की राशि आपके मूलधन से काट ली जाएगी। इसके बाद यदि आप फिर से एक नया एससीएसएस खाता ओपन कर उसमें 15 लाख रुपये जमा कर देते हैं तो उस पर आपको 8.2 फीसदी का ब्याज मिलेगा।
इसकी जगह पर आप अपने फंड को पुराने एससीएसएस खाते में बनाए रखते हैं तो 7.4 फीसदी के हिसाब से बाकी बचे 3 सालों में आपको कुल 3.33 लाख रुपये का ब्याज मिलता है। इसकी तुलना में नए खाते में आपको 8.2 फीसदी के हिसाब से अगले 3 साल में 3.69 लाख रुपये का ब्याज मिलेगा। यानि कि 3 साल में आपको ब्याज के तौर पर 36 हजार रुपये से ज्यादा मिलेंगे। इसमें पेनाल्टी के 15 हजार रुपये कम कर दें तो आपका कुल लाभ 21,000 रुपये का होगा।