नई दिल्ली EPFO UPDATE: ईपीएफओ के द्वारा करोड़ों सब्सक्राइबर्स को राहत प्रदान की है। वहीं कुछ मामलों में ये उनको क्लेम सेटलमेंट के लिए कैंसिल चेक या फिर बैंक पासबुक का फोटो अपलोड करना काफी जरुरी नहीं होगा।
EPFO के द्वारा कहा गया है कि इन सभी शर्तों को पूरा करने वाले मामलों में ही क्लेम सेटलमेंट कराने के प्रोसेस के समय चेक बुक या फिर बैंक पासबुक का फोटो अपलोड करने से छूट प्रदान की गई है। इससे ऑनलाइन फाइल होने वाले दावों को जल्दी से जल्दी निपटाने में सहायता मिलेगी। ज्यादातर मामलों में चेक लीफ या फिर अटेस्टेड बैंक पासबुक की कॉपी की इमेज अपलोड न होने पर दावों को खारिज कर दिया जाता है।
EPFO ने 28 मई को जारी एक सर्कुल में कहा है कि ऑनलाइन फाइल होने वाले दावों के जल्दी निपटान और चेक लीफ, अटेस्टेड बैंक पासबुक की इमेज अपलोड न होने पर खारिज होने वाले दावों की संख्या को कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है।
वहीं इस काम के लिए सीपीएफसी से मंजूरी ली गई है। लेकिन ये छूट वैलिडेशन के कुछ मामलों में ही दी गई है। यानि कि ये छूट उन लोगों को मिलेगी, जिनके दूसरे वैलिडेशन कंप्लीट होंगे।
इनमें बैंक या फिर एनपीसीआई के द्वारा बैंक केवाईसी का ऑनलािन वेरिफिकेशन, डीएससी के इस्तेमाल से एम्प्लॉयर के द्वारा बैंक केवाइसी का वेरिफिकेशन और UADAI के द्वारा सीडेड आधार नंबर का वेरिफिकेशन आदि शामिल है।
ऐसे पहचाने अधिकारी
ऐसे मामलों में क्लेम से जुड़े पीडीएफ के आखिरी हिस्से में एक मैसेज दिखेगा। इसमें लिखा होगा कि बैंक ने बैंक केलाईसी को ऑनलाइन वेरिफाई किया है और एम्प्लॉयर ने इसे डिजिटली साइन किया है। इसलिए चेक लीफ, अटेस्टेड बैंक पासबुक की इमेज अपलोड करना काफी जरुरी नहीं है।
ऐसे क्लेम की जांच करने वाले अधिकारियों की सुविधा के लिए कलर टैग की सुविधा दी जाएगी। इसलिए वह ऐसे मामलों को रिटर्न करने से बचा सकेंगे। ईपीएफओ के छह करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ के लिए की जाती है। कर्मचारियों की तरफ से 8.33 फीसदी भाग ईपीएस में जाता है। जबकि बचा हुआ 3.67 फीसदी भाग ईपीएफ में जाता है।