नई दिल्ली Profitable Agriculture Business: अगर आप मधुमंक्खी का पालन करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए खास हो सकती है। सरकार के द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें बिशुनपुर प्रखंड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में फ्री ट्रेनिंग अगले महीने शुरु की जाएगी।
इस केंद्र में करीब 350 किसान जुड़े हैं जो कि शहद से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। इसकी खास बात ये है कि यहां पर देसी और इटालियन शहद का निर्माण किया जाता है, जो कि 500 से 600 रुपये प्रति किलो की दर पर बिकता है। यहां पर बड़ी ब्रांडेड कंपनियां शहद खरीदने आती है।
7 दिनों तक होगी मुफ्त ट्रेनिंग
कृषि वैज्ञानिक अटल तिवरी ने जानकारी दी कि कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया जाता है, इससे सरकार के द्वारा जो भी मधु क्रांति चलाई जा रही है। उसे कृषि विज्ञान केंद्र आगे ले जाने में सफल हो सकें।
कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के लिए आमंत्रित करता है। केंद्र में किसानों को 7 दिनों की फ्री ट्रेनिंग दी जाती है। इससे किसानों को प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार से इनकम कर सकते हैं।
फसलों के उत्पादन में इजाफा
वहीं आगे बताया गया है कि ये ट्रेनिंग मुफ्त है। इसके साथ में ही फ्री भोजन व आवास की भी सुविधा है। मधुमक्खी का पालन करने के लिए अच्छी माने जाने वाली कुसुम, सरसों, सरगुजा की खेती जिले में बहुतायत है। इसलिए यहां पर शहद प्रोडक्शन ज्यादा है।
इससे किसान ज्यादा से ज्यादा कम सकते हैं। मधुमक्खी पालन करने से फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में 25 से 65 फीसदी का इजाफा होता है। इस प्रकार से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से देखा जाए तो इस काम से जैव विविधता को सरंक्षित करने में भी मदद मिलती है।
काफी किसान कमा रहें लाखों
ऐसे काफी सारे किसान हैं जो कि इस स्कीम से जुड़कर सालाना 10 से 12 लाख रुपये कमा रहे हैं। इसकी मदद से काफी सारे किसान इनकम कर रहे हैं। ट्रेनिंग में थ्योरी, प्रैक्टिकल क्लासेस के अलावा शहद का रखरखाव, व्यूरीफाई करना पैकेजिंग, लेबलिंग, बाजार आदि का ट्रेनिंग की जाती है। इसके साथ में मधुमक्खी पालना करने के लिए बॉक्स काफी जरुरी होता है। इसको बनाना भी सिखाया जाता है।
40 हजार रुपये से करें शुरुआत
वहीं कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि यदि कोई भी मधुमक्खी पालन करने की शुरुआत चाहें तो 10 बक्से से कर सकता है। एक बक्सा बनाने में करीब 4,000 रुपये का खर्च आता है। इस प्रकार से 10 बक्से में करीब 40 हजार रुपये का खर्च आएगा।
वहीं इटालियन मधु की बात करें तो एक बक्से में करीब 60 किलो तक व देशी मधु 8 से 15 किलो तक 1 डिब्बे से निकाल सकते हैं। अगरे महीने मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए किसानों को गुमला जिला का निवासी होना चाहिए और आधार कार्ड भी होना चाहिए।