नई दिल्ली: आज के समय में लोगों के लिए जरुरी हो गया है कि अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचा कर रखे, जिससे समय आने पर खास काम में लगा पाए। तो वही इन सेविंस स्कीम में लोगों की एफडी को आसान होता है। जिसमें लोग अक्सर देखा लोगों के पास में कही से मोटा पैसा आता हैं को एफडी में निवेश करने का प्लान करता है। ऐसे में एफडी से जुड़ें नियम को जरुरी जानना चाहिए जिससे यहां पर निवेश करने पर कोई घाटा ना आए।
दरअसल आप को बता दें कि लोग काफी सोच समझ के एफडी को कराते हैं, जिससे कोई कमी ना रहे और मोटा रिटर्न मिले । वही पहले अलग-अलग अवधि के लिए एफडी पर दी जाने वाली ब्याज दरों की जांच करनी चाहिए। सभी नियम और शर्तों को जानने के बाद ही आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करें तो बेहतर होगा। अगर जरा भी बातों को समझने में गलती हुई तो आपके पैसे डूब सकते हैं।
मैच्योरिटी से पहले तोड़नी है FD तो जान लें इन बैंकों के नियम
कुछ बैंक और वित्तीय संस्थान समय से पहले पैसे निकालने का विकल्प प्रदान करते हैं। इनमें से ज्यादातर प्री-मेच्योर एफडी पर ब्याज वसूल करते हैं। ऐसे में यहां पर कुछ ऐसी खास बैंकों के मैच्योरिटी से पहले FD तोड़नी पर नियम जान सकते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक – एसबीआई आपसे 5 लाख रुपये तक की एफडी की समय से पहले निकासी पर 0.50% का पेनाल्टी लगाता है अगर निवेश 5 लाख से अधिक है, तो SBI आपसे प्री-क्लोजर पर 1% का पेनाल्टी लगाता है। इसके अलावा, बैंक सात दिनों से कम समय के लिए जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं देता है।
पंजाब नेशनल बैंक- पीएनबी समय से पहले एफडी आंशिक निकासी के समय बैंक 1% का पेनाल्टी लगाता है।
एचडीएफसी बैंक- वही प्राइवेट बैंक में से एक एचडीएफसी बैंक ग्राहके एफडी को समय से पहले बंद करने के लिए लागू ब्याज दर ऑफर की गई ब्याज से कम होगी। इसके अलावा, एफडी खाते को समय से पहले बंद करने (स्वीप-इन और आंशिक सहित) के मामले में, बैंक 1% का पेनाल्टी लगाते हैं।
बजाज फाइनेंस- अगर खाता 3 से 6 महीने के बीच बंद कर दिया जाता है तो एफडी पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। छह महीने के बाद, एनबीएफसी नियम और शर्तों के अधीन समय से पहले निकासी पर 2-3% का ब्याज पेनाल्टीलगाएगा।
आईसीआईसीआई बैंक- 5 करोड़ से कम की जमा राशि के लिए, यदि आप एक वर्ष से कम समय में एफडी को बंद कर देते हैं तो बैंक 0.5% पेनाल्टी लगाता है। 5 करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि के लिए, यदि खाता पांच साल के बाद बंद कर दिया जाता है तो 1.5% पेनाल्टी लगाई जाती है और पांच साल से कम अवधि के लिए समय से पहले निकासी करने पर 1% पेनाल्टी लगाया जाता है।