जान लें ये 4% वाला नियम, बुढ़ापे में नहीं होगी पैसों की किल्लत

Adarsh Pal
Retirement Planning
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नई दिल्ली Retirement Planning: सभी पैसों की जरुरत होती है। पैसों की अहमित तब ज्यादा हो जाती है जब आप किसी कभी काम करने में सक्षम न हो। हम बात कर रहे हैं रिटायरमेंट के समय की, उस दौरान दवा, डॉक्टर, खाना, पीना रहना आदि काफी महंगा हो जाता है।

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काफी सारे लोग ऐसे भी हैं जो कि कमाई के समय ही काफी प्लानिंग कर लेते हैं। लेकिन बुढ़ापे या फिर रिटायरमेंट की प्लानिंग करना भूल जाते हैं। वहराल लोगों को पैसे की काफी किल्लत होती है। ऐसे में यदि आप समय रहते ही ये 4 फीसदी का नियम अपना लिया तो परेशानियों के दर्द से निजात प्राप्त कर सकते हैं। जानें कैसे काम करता है ये नियम।

4 फीसदी नियम कैसे का करते हैं जानिए

अपने खर्चों की करें कैलकुलेशन

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नौकरी के रहते हुए ये गणना करें कि रिटायरमेंट के बाद आपको अपनी जीवशैली को मेनटेन रखने के लिए कितने पैसे की जरुरत होगी। इसके लिए जरा मेहनत करनी होगी। लेकिन थोड़ी सी रिसर्च से आप ये आंकलन आसानी से कर सकते हैं। आप मौजूदा खर्च, सालाना महंगाई का बोझ और रिटायरमेंट आयु के आधार पर रिटायरमेंट के बाद सालाना होने वाले खर्च का आंकलन कर सकते हैं।

25 से करें गुणा

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वहीं एक बार जब भी आपको सालना रिटायरमेंट खर्च का अनुमान मिल जाए तो इस रकम को 25 से गुणा कर दें। इस कदम के पीछे का तर्क ये है कि आपकी सेविंग का 4 फीसदी हर साल निकाल सकते हैं और 1 को 0.04 से डिवाइड किया जा सकता है।

शुरुआत में करें निकासी

रिटारमेंट के पहले साल में अपनी कुल रिटायर्मेंट की सेविंग का 4 फीसदी निकालें। उदाहरण के तौर पर आपका रिटायरमेंट फंड 1 करोड़ रुपये का होता है। इसमें शुरुआती निकाली 4 लाख रुपये की होगी।

महंगाई का पड़ता है असर

इसके साथ में महंगाई के मुताबिक अपनी निकासी को सेलेक्ट करें। ऐतिहासिक आंकड़ों से ये पता लगता है कि देश में करीब 6 फीसदी की सालाना महंगाई रहती है। इसलिए यदि आपने पहले साल में 4व लाख रुपये निकाले और महंगाई 6 फीसदी की थी, तो आप दूसरे साल में 4 लाख 24 हजार रुपये निकालेंगे। 4 फीसदी नियम स्थिर इनकम प्रदान करने का एक सरल सूत्र है।

समय-समय कर रिव्यू

वहीं समय-समय पर अपनी वित्तीय स्थिति की समीक्षा करते रहें और यदि जरुरी हो तो अपनी निकासी को रीबैलेंस करें। अगर आपके पोर्टफोलियों में महत्वपूर्ण या हानि हुई है, तो आपको एक स्थायी इनकम बनाए रखने के लिए अपनी निकासी को सही करने की जरूरत हो सकती है। इस प्रकार आपको बुढ़ापे में पैसे की कभी समस्या नहीं होगी।

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