Share Market:शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए हर दिन कुआं खोदने और पानी पीने जैसा है। एक दिन लाभ और अगले दिन भारी हानि का डर हमेशा बना रहता है। ऐसे में निवेशक मुनाफे वाले शेयरों को चुनने के लिए हर दिन अपना दिमाग लगाते हैं। फिर भी कई बार नुकसान उठाना पड़ता है। आपकी इस समस्या का समाधान टेक्नोलॉजी ने कर दिया है, जिसे एल्गो ट्रेडिंग या ऑटोमैटिक ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग के नाम से जाना जाता है। इसे हाई फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HTF) भी कहा जाता है।

एल्गो ट्रेडिंग बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है। वैसे तो इसका इस्तेमाल ज्यादातर बड़े और संस्थागत निवेशक यानी ब्रोकरेज हाउस करते हैं, लेकिन अब यह खुदरा निवेशकों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो रहा है।

कुछ ब्रोकरेज हाउस तो यहां तक दावा करते हैं कि अगर आप इस तकनीक की मदद से बाजार में पैसा लगाते हैं तो नुकसान का जोखिम बहुत कम होता है। हालांकि, ज़ेरोधा के संस्थापक नितिन कामत का कहना है कि कुछ मामलों में एल्गो ट्रेडिंग में नुकसान होता है, लेकिन ज्यादातर इसका अनुमान सही होता है।

एल्गो ट्रेडिंग क्या है?
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, एल्गो का मतलब एल्गोरिदम है, जो कंप्यूटर प्रोग्राम की मदद से शेयरों का चयन करने में मदद करता है। इस सॉफ्टवेयर में मार्केट ट्रेडिंग के फॉर्मूले पहले से ही तय होते हैं और इन मानकों पर खरे उतरने वाले स्टॉक को खरीदने का ऑर्डर कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से स्वचालित रूप से दिया जाता है। जाहिर है, आपको मुनाफे वाले शेयर ढूंढने के लिए ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्षति को कैसे रोकें
एल्गो ट्रेडिंग पूरी तरह से मशीन आधारित गणना है, जिसके कारण निवेशकों की भावनाओं पर ट्रेडिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उदाहरण के लिए, शेयरों का चयन आपकी भावनाओं के आधार पर नहीं बल्कि बाजार के रुझान के आधार पर होगा।

इस तकनीक का उपयोग करके आप ऐसे शेयरों को चुनने से बच सकते हैं जिनमें भविष्य में गिरावट की संभावना हो। अक्सर निवेशक अपनी भावनाओं के कारण गलत शेयर चुन लेते हैं और नुकसान उठा बैठते हैं।

ट्रेडिंग बहुत आसान हो जाती है
एल्गो ट्रेडिंग की मदद से निवेशक बिना किसी मेहनत के शेयर बाजार से मुनाफा कमा सकता है। दरअसल, यह तकनीक ट्रेडिंग के दो सरल मानकों का पालन करती है।

यह किसी स्टॉक के 50 दिन के उतार-चढ़ाव का अनुसरण करता है। इसमें गिरावट और बढ़त के आंकड़ों का पालन करके कंप्यूटर स्वचालित रूप से जिस भी शेयर में लाभ की संभावना दिखाता है, उसके लिए ऑर्डर दे देता है। निवेशक को न तो लाइव प्राइस या ग्राफ देखना होता है और न ही स्टॉक पर नजर रखने की जरूरत होती है।

तीन कंपनियों में ऐसी ट्रेडिंग चल रही है
हालांकि आज बाजार में हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कुल कारोबार के 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है, लेकिन हाल ही में खासतौर पर इससे जुड़ी तीन कंपनियों के नाम सामने आए हैं.

इनमें स्नोमैन लॉजिस्टिक्स, मंगलम ड्रग्स और दीपक फर्टिलाइजर्स के नाम शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयरों ने 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर भी छू लिया है. इन कंपनियों में सबसे ज्यादा ऑर्डर एल्गो ट्रेडिंग के जरिए आ रहे हैं. जाहिर है बाजार में इनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा है.

नमस्कार मेरा नाम गोविंद है,में रेवाड़ी हरियाणा से हूं, मैं 2024 से Timesbull पर बतौर कंटेंट...