OLD PENSION YOJANA: केंद्र सरकार ने जब तीसरे कार्यकाल का अपना पहला बजट पेश किया तो सभी केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी उम्मीदें थी. केंद्रीय कर्मचारियों के दिमाग में था कि केंद्र सरकार उनके लिए ओल्ड पेंशन योजना(ओपीएस) पर कुछ बड़ा फैसला ले सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वित्तीय बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओपीएस पर एक भी शब्द नहीं बोला.

उन्होंने केंद्रीय बजट में एनपीएस में सुधार की बात जरूर की है. इससे केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा. कर्मचारी संगठन काफी दिनों से ओल्ड पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर सहमति जताने को तैयार नहीं है. सदन में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक चौंकाने वाला जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बाहली का प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. इतना ही नहीं नहीं उन्होंने आगे कहा कि सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन की दिशा में किसी प्रस्ताव पर विचार भी नहीं कर रही है. उनके जवाब से इतना ही स्पष्ट हो गया कि सरकार ओपीएस को बहाल नहीं करने वाली है. यह केंद्रीय कर्मचारियों की काफी दिनों से चली आ रही मांग को तड़ा झटका है.

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सुप्रीम कोर्ट की बात नहीं मान रही सरकार

ओपीएस को लेकर एआईडीईएफ के महासचिव और एआईटीयूसी के राष्ट्रीय सचिव सी. श्रीकुमार ने भी चौंकाने वाली बात कही है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदों तक पहुंचने में काफी विफल रहा है, जिससे इस वर्ग को घोर निराशा मिली है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया है कि पेंशन कोई इनाम नहीं है, पेंशन कोई अनुग्रह राशि नहीं है, पेंशन कोई ऐसी चीज नहीं है जो नियोक्ता की इच्छा के अनुसार प्रदान की जाती है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह प्रत्येक सरकारी कर्मचारी का मौलिक अधिकार है। सरकार, जिससे आदर्श नियोक्ता बनने की उम्मीद की जाती है. इस हिसाब से सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी दरकिनार कर रही है. वहीं, श्रीकुमार ने कहा, सरकारी कर्मचारी ओपीएस योजना की बहाली की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. बजट में निर्मला सीतारमण ने केवल एनपीएस में किए जाने वाले संशोधन के बारे बात की है.

18 महीने के डीए एरियर पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं

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केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स काफी दिनों से अपने 18 महीने का डीए एरियर की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर मुहर नहीं लगाई है. आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अटके पड़े डीए एरियर पर एक भी शब्द नहीं बोला. इससे कर्मचारी और पेंशनर्स की उम्मीदों को करारा झटका लगा है. माना जा रहा है कि सरकार 18 महीने का डीए एरियर देने पर विचार नहीं कर रही है.

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