EPFO Pension Scheme: अगर आप निजी सेक्टर में जॉब करते हैं तो फिर अब ऐसे कर्मचारियों कि किस्मत चमक चुकी है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हुए जिन कर्मचारियों का पीएफ का पैसा कटता है, उन्हें पेंशन देने का भी प्रावधान है, जिसके लिए कुछ जरूरी बातों को समझन होगा. पीएफ कर्मचारी ईपीएफ अकाउंट में अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी योगदान करने का काम करते हैं.

पीएफ को ईपीएफओ द्वारा रेगुलेट करने का काम किया जाता है. इसके अलावा कंपनियां भी 12 प्रतिशत योगदान करती हैं. यह सब पैसा ईफीएफओ के साथ डिपॉजिट किया जाता है. क्या आपको पता है कंपनी के द्वारा जो दिया जाने वाला पीएफ दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है. इसमें पहला 8.33 फीसदी पैसा कर्मचारी पेंशन स्कीम जबकि 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएएफ स्कीम में ट्रांसफर कर दिया जाता है. यह रकम कर्मचारियों को बड़े रिटर्न के साथ गिफ्ट भी जाती है.

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सरकार ने हर महीना फिक्स कर रखी पेंशन

केंद्र सरकार ने सन 2014 से EPS-1995 के तहत 1000 रुपये कम से कम पेंशन देनी तय कर रखी है.  बीते काफी दिनों से ईपीएस के मुताबिक न्यूनतम 7,500 रुपये पेंशन मांग तेजी से चल रही है, लेिन सरकार ने अभी इस पर कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया है. पेंशनधारियों के उत्थान के लिए शुरू की गई ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी ने राजधानी दिल्ली में एक विरोध में प्रर्नशन भी किया.

इस विरोध प्रदर्शन में पेंशन को मिनिमम 7,500 रुपये करने की मांग की है, लेकिन अभी कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. बीते कुछ वर्षों की बात करें तो लगभग 7.8 पेंश की लिमिट में बढ़ाकर ईपीएफओ से लगातार अपनी मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी कोई भी बीच का रास्ता नहीं निकल सका है.

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ऐसे में आपको जानना होगा कि ईपीएफ और ईपीएस दोनों ही सरकार द्वारा ईपीएफ 1952 के तहत चलाी जाने वाली रिटायरमेंट फायदे की स्कीम हैं, जिससे अपना फ्चूचर सिक्योर किया जा सकता है. ईपीएफ समें बिना कर्मचारी के योगदान के ही पेंशन मिल जाती है.

जानिए ईपीएस के नियम

कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत किन कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलने का प्रावधान है. पहले इसके नियम आपको जानना जरूरी है. नियम जानने के लिए बाद आपका सब कंफ्यूजन समाप्त हो जाएगा. कर्मचारी को पेंशन तभी मिलने का प्रावधान है जब आपने मिनिमम 10 साल नौकरी कर रखी हो.

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कमेटी के सचिव की मानें तो सभी राजनीतिक पार्टियां चाहें सत्ता में हो या विपक्ष में उनकी यह बड़ी जिम्मेदारी है कि प्रत्येक कर्मचारी की मिनिमम पेंशन 7500 रुपये निर्धारित की जाए. अगर सरकार ने ऐसा तय किया तो फिर बड़ी संख्या में कर्मचारियों का भविष्य उज्जवल बन जाएगा.

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