नई दिल्ली Car Insurance: देश में कारों की बिक्री काफी तेजी से हो रही है। हर नई बिकने वाली कार का इंश्योरेंस हो रहा है। इसके अलावा पुरानी कार की भी बीमा करना जरुरी है। यदि आप अपनी नई या फिर पुरानी कार का इंश्योरेंस कराने की सोच रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर न केवल बाद में होने वाली परेशानी से बच सकते हैं। बल्कि अच्छी खासी सेविंग कर सकते हैं। जानते हैं कि कार इंश्योरेंस लेने से पहले किन 10 बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है।
ये वह मैक्जिमम रकम है जो कि कार चोरी या फिर क्षतिग्रस्त होने पर क्लेम कर सकते हैं। आईडीवी कार की की कीमत से अवमूल्यन को कमकर तय की जाती है। कार 5 साल से ज्यादा पुरानी है तो आपसी समझौते से कार की कीमत तय की जाती है।
इसके अलावा कोई भी कार इंश्योरेंस लेते समय हमेशा आपको कवरेज का ध्यान रखना चाहिए। आपकी अपनी आवश्यकताओं के मुताबिक ही कवरेज लेना चाहिए। कंप्रिहेंसिव कवरेज लेना सही रहता है। इसमें आपको कार डैमेज के अलावा चोरी और प्राकृतिक आपदा की वजह से होने वाले नुकसान की भी कवरेज मिलती है।
ये कुछ एक्स्ट्रा पैसे देकर ज्यादा सुविधआएं लेने जैसा है। उदाहरण के लिए इंजन प्रोटेक्टर, जीरो डेप, 24×7 रोडसाइड असिस्टेंस आदि है। कोई भी अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से राइडर का चुनाव कर सकते हैं।
हमें पता होना चाहिए कि पॉलिसी में क्या कवर हैं और क्या नहीं। ये हमारा हक और कर्तव्य दोनों हैं। बीमा लेने से पहले हमें इंश्योरेंस कंपनी से एक-एक चीज स्पष्ट कल लेना चाहिए।
इसका अर्थ है कि क्लेम के समय हम पहले से तय एक हिस्सा खुद वहन करेंगे। यदि आप ज्यादा कटौती पर सहमत हैं तो पॉलिसी की कीमत उसी रेशियों में कम हो जाती है।
आज के समय क्लेम निस्तारण प्रोसेस बहुत ही आसान और तेज हो गई है। कई सारी कंपनियां तो आपके दरवाजें पर ही ये सुविधा दे रही है। बीमा कराते समय ये देखना लाभदायक होगा। कंपनी कितनी टेक्नो फ्रेंडली है।
ये पता लगा लेना काफी जरुरी है कि हम जिस कंपनी से बीमा करा रहे हैं, उसका नेटवर्क हमारे शहर या फिर आसपास कितना मजबूत है। जैसे गैराज या सर्विस सेंटर्स से उसका टाइअप आदि है।
ये वह रकम है जोकि बीमा क्लेम न करने के लिए रिन्यु के समय डिस्काउंड के रूप में मिलती है। यदि हम नई कार खरीद रहे हैं तो भी पुरानी कार के नो क्लेम बोनस को ट्रांसफर किया जा सकता है।
पॉलिसी खरीदने से पहले हमेशा इंश्योरेंस कंपनी की क्लेम सैटलमेंट रेश्यो की जांच करें। ये रेश्यों एक साल में मिले क्लेम की संख्या के खिलाफ कंपनी के जरिए पूरे किए गए दावों की संख्या की जानकारी देता है।