Attention PNB Users: देश और दुनिया में साइबर क्राइम के मामले लगातार पांव पसारते जा रहे हैं. अब तो साइबर अपराधी आम लोगों को झांसा देकर बैंक अकाउंट होल्डर्स को निशाना बना रहे हैं. कभी इनकम टैक्स ऑफिसर तो कभी किसी बड़ी संस्था का नाम लेकर लोगों को बड़ा लालच देते हैं. कुछ बैंकिंग जानकारी लेकर अकाउंट से रकम ही साफ कर देते हैं.
बैंकों से पैसों गायब होने के मामले रोजाना बड़े स्तर पर हो रहे हैं. बैंकों की तरफ से भी साइबर फ्रॉड पर लगाम कसने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. इस बीच देश दूसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) ने एक बड़ा चौंकाने वाला कदम उठाया है. कदम भी ऐसा कि अब साइबर फ्रॉड आपके खाते में कोई भी गड़बड़ नहीं कर सकेंगे.
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पीएनबी ने साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए यह कदम उठाया है.पीएनबी ने जिस नए सेफ्टी फीचर को लॉन्च किया है, उसका नाम मोबाइल बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म में ‘सेफ्टी रिंग’नाम दिया गया है. इस बीच पीएनबी ने खाताधारकों की सेफ्टी के लिए इस फीचर की शुरुआत की है, जो हर किसी का दिल जीतने के लिए काफी है.
लगातार बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के मामले
ऑनलाइन् ठकी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे हर कोई काफी परेशान है. एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 से अप्रैल के बीच बड़ी संख्या में लोग धोखाधड़ी से पीड़ित हुए. इसकी वजह से उन्हें 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान देखने को मिला. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7.4 लाख साइबर अपराध शिकायतें दर्ज कराने का काम किया गया है.
इसके साथ ही सेफ्टी रिंग ग्राहकों के लिए ऑप्शनल फीचर माने जाते हैं. रोजाना के ट्रांजेक्शन लिमिट को सेट करने का काम कर सकते हैं. इसके माध्यम ग्राहकों को ऑनलाइन क्लोजर पर टर्म डिपॉजिट के संबंध में रोजाना की लेनदेन की सीमा को निर्धारित करने का काम किया गया है. इसके साथ ही टीडी पर ओवरड्राफ्ट सुविधा का फायदा उठाने का परमिशन देता है.
फटाफट जानें लिमिट निर्धारित करने का ऑप्शन
खाताधारकों के पास ब्रॉन्च में व्यक्तिगत रूप से या IBS/MBS के माध्यम से डिजिटल रूप से सीमा निर्धारित करने का ऑप्शन है. आईबीएस यूजर्स लॉग इन करके सेफ्टी रिंग का चयन करके और निर्धारित सीमा राशि दर्ज करके आपातकाल सेवाओं तक पहुंचने का काम कर सकते हैं.
फिर उन्हें अपना ओटीपी ट्रांजेक्शन पासवर्ड प्रदान करने की जरूरत होगी. पहले से सेट किए गए दो सुरक्षा प्रश्नों का उत्तर देने की जरूरत होगी. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने मई 2024 में प्रतिदिन औसतन 7,000 साइबर अपराध शिकायतें दर्ज करने का काम काम किया है.