Poultry farm: उत्तर प्रदेश सरकार का पशुपालन विभाग पोल्ट्री फार्म को बढ़ावा देने पर फोकस कर रहा है। अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत पोल्ट्री यूनिट लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से योजना चलाई जा रही है। इसके तहत प्रदेश के हर जिले में 200 पोल्ट्री यूनिट लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना के तहत अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर महिला और पुरुषों का चयन कर उन्हें प्रति लाभार्थी 50 चूजे कम कीमत पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार 3000 रुपये की मदद दे रही है। योजना के तहत कुल 15000 लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों के पोषण स्तर में सुधार लाना, उनकी आय में वृद्धि करना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। चूजों, छत की व्यवस्था, आहार, परिवहन और प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च के लिए पूरी सब्सिडी है, जो लाभार्थी को मुफ्त दी जाएगी।
इसकी वसूली लाभार्थी से नहीं की जाएगी। दरअसल, पोल्ट्री फार्मिंग मुनाफे का सौदा साबित हो रही है, इसीलिए सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। इससे लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं। लाभार्थियों का चयन कैसे होगा।
योजना के लाभार्थी अनुसूचित जाति के कमजोर वर्ग की महिलाएं और पुरुष होंगे। लाभार्थियों के चयन के लिए इस वर्ग के लोगों में से ग्राम प्रधान द्वारा दी गई चयनित सूची का परीक्षण संबंधित पशु चिकित्सा अधिकारी और मुर्गीपालन कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी लाभार्थियों के चयन को अंतिम रूप देंगे। इसके लिए कुछ पैरामीटर तय किए गए हैं।
इस योजना के लाभार्थी अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होंगे। योजना की शर्त यह है कि लाभार्थियों का चयन ग्राम प्रधान के माध्यम से ग्राम स्तर पर किया जाएगा। लाभार्थी उस गांव का निवासी होना चाहिए, जिसमें पोल्ट्री फार्म खोला जाना है। उसके पास खुद की रहने की व्यवस्था होनी चाहिए और मुर्गीपालन में उसकी रुचि होनी चाहिए। लाभार्थियों का चयन करने के बाद उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय में एक सप्ताह का निःशुल्क मुर्गीपालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
क्या होगा लाभ
इससे अनुसूचित जाति के ग्रामीण परिवारों, खासकर महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अनुसूचित जाति के परिवारों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक (कुक्कुट रोग निदान), पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश से संपर्क कर सकते हैं।