नई दिल्लीः भारतीय बाजारों में कई तरह के नोट प्रचलन में हैं, जिन्हें लोग पास रखना पसंद करते हैं। बीते कुछ सालों में कुछ नोटों को बंद किया गया है, उसके बदले दूसरे नोट बाजारों में आए हैं। देशभर में तरह-तरह के नोट छपते हैं, लेकिन वेल्यू सबकी समान होता है। मध्यम वर्ग में दस से लेकर 500 रुपये तक का नोट खूब देखा जाता है। नोट छापने की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक के पास होती है।
यह समय-समय पर नए नोट को छापता रहता है, जहां लोगों का खूब सपोर्ट मिलता है। क्या आपको पता है एक नोट की छपाई में कितना खर्च आता है, शायद इसकी जानकारी आपको नहीं होगी। बीते कुछ साल में नोट छपने की कीमतों में काफी इजाफा देखने को मिला, क्योंकि स्याही और कागज के दाम में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। आपको हम नीचे 10 रुपये से लेकर 500 तक के नोट की छपाई का खर्च बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।
10 रुपये के नोट को छापने में आता इतना खर्च
गांव-कस्बों में दुकानदारों में 10 का नोट काफी प्रचलन में रहता है, क्योंकि लोग नमकीन, बिस्कुट, साबुक सैंपू जैसे पदार्थ इतने में ही मिल जाते हैं। ऐसे में सबके मन में एक दस के नोट को छापने की कीमत जानने की इच्छा होगी। नोटों की छपाई करने वाली कंपनी आरबीआई मुद्रण लिमिटेड से आरटीआई के तहत वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) में 10 रुपये के 1 हजार नोट छापने पर 960 रुपये खर्च आया था।
इसका कैलकुलेशन किया जाए तो एक नोट की प्रिंटिंग का खर्च 96 पैसे रहा। इसके अलावा 20 रुपये के एक हजार नोट छापने पर 950 रुपये खर्च करने पड़े। इसका कैलकुलेश एक नोट का 95 पैसे रहा। इस हिसाब से 20 के नोट के मुकाबले 10 का नोट महंगा छपता है। वहीं, 50 रुपये के 1 हजार नोट छापने पर साल 1,130 रुपये खर्चे करने पड़े। 100 रुपये के 1 हजार नोट छापने पर रिजर्व बैंक को 1,770 रुपये का खर्च हुआ था।
200 रुपये का नोट छापना हुआ बहुत महंगा
आरबीआई के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 200 रुपये के 1 हजार नोट छापने पर रिजर्व बैंक को 2,370 रुपये का खर्च आया था। 200 रुपये का नोट अब खूब चल रहा, जो हर वर्ग में देखने को मिलता है। 200 के नोट छापने के मुकाबले 500 रुपये के नोट प्रिंट करने पर कम खर्च आता है। 500 रुपये के एक हजार नोटों की छपाई पर 2,290 रुपये लागत आती है।