SBI Mutual Fund ने पेश किया पहला एक्टिव ऑटो फंड, जानें पूरी डिटेल

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Adarsh Pal

नई दिल्ली SBI Mutual Fund: एसबीआई म्यूचुअल फंड ने एसबीआई ऑटोमोटिव अपॉर्चुनिटीज फंड लॉन्चत किया है। ये एनएफओ 17 मई को ओपन हुआ है। इसमें 31 मई कर निवेश कर सकते हैं। ये देश का पहला ऐसा एक्टिव म्यूचुअल फंड स्कीम है। जो कि ऑटोमोटिव और उससे जुड़ी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करेगी।

बैंक म्युचुअल फंड इंडिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। पहले से बाजार में मिराए म्युचुएल फंड का ऐसा एक फंड है, जिसका नाम मिराए एसेट ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक एंड  ऑटोनोमस व्हीकल्स ईटीएफ एफओएफ है। लेकिन ये फंड ग्लोबल कंपनियों में निवेश करता है।

80 फीसदी निवेश और इससे जुड़ी कंपनियां

म्यूचुअल फंड कंपनियों के ट्रांसपोर्टेसन एंड लॉजिस्टिक्स फंड ऑटोमोटिव कंपनियों के स्टॉक्स में काफी निवेश करते हैं। लेकिन वह एयरलाइंस और शिपिंग जैसे सेक्टर्स में भी इनवेस्ट कर सकते हैं। एसबीआई ऑटोमोटिव अपॉर्चिनिटी फंड अपने 80 प्रतिशत पैसो का निवेश ऑटोमोटिव स्टॉक्स में करेगा।

वहीं जीरो से बीस फीसदी पैसे का निवेश डेट इंस्टूमेंट और मनी बाजार में निवेश करेगा। जीरो से दस फीसदी का निवेश रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट की यूनिट्स में करेगा।

निफ्टी ऑटो टोटल रिटर्न इंडेक्स

ये फंड 35 फीसदी का निवेश ग्लोबल कंपनियों के शेयर में कर सकते हैं। इसका बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी ऑटो टोटल रिटर्न इंडेक्स होगा। इस फंड के देखते हुए इसेक पोर्टफोलियों में ऑटो कंपोनेंट्स एंड इक्विपमेंट, टायर एंड रबर प्रोडक्ट्स, पैसेंजर कार्स एंड यूटिलिटी व्हीकल्स, और टू/थ्री व्हीलर्स, कमर्शियल व्हीकल्स और कास्टिंग एंड फोर्जिंग्स कंपनियों के शेयर शामिल हो सकते हैं।

तन्मय देसाई और प्रदीप केसवन हैं फंड मैनेजर्स

तन्मय देसाई और प्रीप केसवन इस फंड मैनेजर्स होंगे। एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट के डिप्टी एमडी डीपी सिंह ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में ऑटो पार्ट्स और एंसिलियरी मैन्युफैक्चरिंग का करीब 30 फीसदी भाग है। इससे लॉन्ग टर्म में इस फंड के पास निवेशक के लिए वेल्थ क्रिएशन का मौका होगा। पॉलिसी रिफॉर्म्स और डिफाइंट रोडमैप इंडिया के बढ़चे ऑटोमोटिव सिस्टम का लाभ उठाने के मौके पेश करेंगे।

क्या आपको करना चाहिए निवेश

किसी सेक्टर फंड में इनवेस्टर को तभी निवेश करना चाहिए, उस सेक्टर के आउटलुक को लेकर काफी पॉजिटिव है। ऐसे फंड के बेहतर प्रदर्शन के लिए लंबा टाइम फ्रेम जरूरी है। एक्सिअम फाइनेंशियल सर्विसेस के सीईओ दीपक छाबरिया ने कहा कि जो भी निवेशक किसी सेक्टर से जुड़े रिस्क को बर्दाश्त कर सकते हैं। उनको ही ऐसे फंड में निवेश करना है। उनको ऐसे फंड की तुलना डायवर्सिफाइड या फिर मल्टी-कैप फंड से नहीं करना चाहिए।

Adarsh Pal के बारे में
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Adarsh Pal आदर्श पाल छत्रपति शाहू जी महाराज युनिवर्सिटी कानपुर से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर टाइम्सबुल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम कर रहे हैं। कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माहिर और पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव। टाइम्सबुल में आने से पहले आदर्श पाल न्यूज बाइट और न्यूज चेकर हिंदी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। Read More
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