SBI Update:भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि एफडी पर ब्याज दरें अपने चरम पर हैं और मध्यम अवधि में इनमें कमी आने की उम्मीद है। देश के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से ब्याज दर चक्र में ढील देना शुरू कर सकता है।
पिछले सप्ताह आरबीआई ने मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगातार आठवीं बार अपनी प्रमुख नीतिगत दर रेपो को अपरिवर्तित रखा।
खारा ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अक्टूबर से शुरू होने वाली तीसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत की ओर बढ़ने की कुछ संभावना बनेगी और वह सही समय होगा।
जब हम रिजर्व बैंक से नीतिगत दर में कुछ कमी की उम्मीद कर सकते हैं।’ यानी अक्टूबर से एफडी पर ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। रेपो दर कम करने के बाद बैंक भी ब्याज कम करेंगे। कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज घटाना शुरू किया
स्विट्जरलैंड, स्वीडन, कनाडा और यूरो जोन जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के कुछ केंद्रीय बैंकों ने वर्ष 2024 के दौरान दरों में कटौती का चक्र शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बाजार की उम्मीदें, जो पहले अधिक थीं।
अब कम हो गई हैं।
जहां तक बैंकिंग प्रणाली में ब्याज दरों का सवाल है, खारा ने कहा कि कमोबेश वे पहले ही चरम पर पहुंच चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘आगे बढ़ते हुए, हम कुछ मामूली बदलाव देखेंगे।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी
मुझे लगता है, अगर हम ब्याज दरों के मध्यम अवधि के प्रक्षेपवक्र को देखें, तो यह शायद नीचे की ओर प्रवृत्ति में होगा।’ पिछले महीने, एसबीआई ने चुनिंदा अल्पकालिक परिपक्वता अवधि जमा पर ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत तक की वृद्धि की थी। खुदरा अवधि जमा के तहत, 46-179 दिनों की जमा पर ब्याज दर 0.75 प्रतिशत बढ़ाकर 5.50 प्रतिशत कर दी गई है। पहले यह 4.75 प्रतिशत थी।