नई दिल्ली: Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23: आज के समय में हर कोई गोल्ड में निवेश करने के बारे में सोचता रहता है, आप को बता दें कि गोल्ड में निवेश करने के मौके बार-बार में नहीं आते हैं। सबसे खास बात ये है कि सरकारी स्कीम के तहत आप को Sovereign Gold Bond Scheme में निवेश करने का मौका मिल रहा है।
आप को बता दें कि सरकार समय-समय पर Sovereign Gold Bond Scheme में गोल्ड खरीदने का मौका लाती रहती है। जिससे सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की तीसरी सीरीज के तहत सोने की बिक्री शुरू कर रही है। इसमें कोई भी निवेश कर सकता है। यह बिक्री सिर्फ पांच दिन के लिए 19 दिसंबर से लेकर 23 दिसंबर तक होगी।यहां से आप बाजार से सस्ती कीमत पर सोना खरीद सकते हैं।
सरकार से छूट में करें सस्ते सोने की खरीददारी
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की तीसरी सीरीज चल रही है। रिजर्व बैंक की ओर से इस स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 को कॉमर्शियल बैंकों, स्माल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और रिजनल ग्रामीण बैंक, कुछ डाकघर और स्टॉक एक्सचेंज- NSE और BSE से खरीद सकते हैं।
वही खास बात ये हैं कि केंद्रीय बैंक इस स्कीम के तहत डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन तरीके से सोना खरीदने वाले लोगों को 50 रुपये प्रति ग्राम पर छूट भी दे रही है। RBI के अनुसार, ऐसे निवेशकों को 5,359 रुपये प्रति ग्राम पर देना होगा।
आप को बता दें आज के समय में हर बैंक और कई एप पर ऑनलाएन तरीके से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत गोल्ड को खरीद सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम पर जान लें ये जरुरी नियम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के अलग-अलग टैक्स के नियम हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम से होने वाला लाभ अगर मैच्योरिटी तक आयोजित किया जाता है, तो टैक्स नहीं लगाया जाता है। हालांकि निवेशक पांच साल के बाद समय से पहले एसजीबी को रिडीम कर सकते हैं।
वही अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को पांच से आठ साल के बीच निवेशित रहते हैं, तो लाभ को लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ माना जाता है। इंडेक्सेशन लाभ के साथ इस पर 20.8 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है।
यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को तीन साल से पहले बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाता है।
इसके अलावा, तीन साल के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी बेचने पर निवेशकों द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ लंबी अवधि के होते हैं और इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% पर कर लगाया जाता है।