Strawberry Farming: अधिकांश किसान पारंपरिक फसलें जैसे चावल, गेहूं आदि के उत्पादन में रुचि नहीं रखते हैं। बाजार की मांग को देखते हुए किसान ऐसी फसलों के उत्पादन में अधिक रुचि दिखा रहे हैं जो बेहतर कीमत पर बिकें। सरकार किसानों को नई फसलें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसान नई फसलें उगाकर अपने आर्थिक अवसरों का विस्तार कर सकें। जमुई के एक किसान ने भी कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत बदल ली और महज 12 महीने में 24 लाख रुपये के टर्नओवर वाला बिजनेस खड़ा कर दिया।
दरअसल, इस किसान ने अपने खेत में स्ट्रॉबेरी लगाई और अच्छा मुनाफा कमाया. किसान पंकज सर लगभग एक हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी उगाते हैं और अब तक 24 लाख रुपये कमा चुके हैं. इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी की मांग इतनी अधिक है कि इसे फिलहाल पूरा नहीं किया जा सकता है।
टेलीविजन से आया स्ट्रॉबेरी की खेती का आइडिया
जमुई जिले के खैरा प्रखंड के सिंघारपुर निवासी किसान पंकज साह ने अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी लगाई थी. पंकज पहले से ही खेती से जुड़े हुए थे. लेकिन 4 साल पहले 2020 में उन्हें स्ट्रॉबेरी उगाने का आइडिया टीवी पर एक वीडियो देखकर आया. फिर उन्होंने उचित प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2020 से स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। मैं 4 वर्षों से लगातार स्ट्रॉबेरी उगा रहा हूं। पंकज थोक बाजार में स्ट्रॉबेरी की आपूर्ति करता है। उनकी स्ट्रॉबेरी की मांग उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक है. लेकिन हम इस मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
12 महीने में कर लिया 24 लाख का कारोबार
पंकज ने कहा, खेती तीन महीने तक जारी रहेगी। स्ट्रॉबेरी रोपण के 45 दिन बाद फल देती है और इसे तोड़कर बाजार में बेचा जा सकता है। यह त्रैमासिक उत्पाद बाज़ार में कई बार बेचा जाता है। उन्होंने कहा कि वह तीन महीने के सीज़न में 600,000 रुपये से 700,000 रुपये के बीच का कारोबार करते हैं और अब तक चार सीज़न में स्ट्रॉबेरी उगा चुके हैं। अकेले स्ट्रॉबेरी की फसल से अब तक 24 करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है. उन्होंने कहा : आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती की तैयारी की जायेगी.